यूपी बोर्ड की किताबों के अवैध प्रकाशन पर दो प्रकाशकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

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माध्यमिक शिक्षा परिषद की किताबों के अवैध प्रकाशन के मामले में सिविल लाइंस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। सचिव दिव्यकांत शुक्ला की तहरीर पर दर्ज केस में एक नामजद के साथ ही अज्ञात प्रकाशकों को भी आरोपी बनाया गया है। पुलिस जांच पड़ताल में जुटी है।

सचिव की ओर दी गई तहरीर में बताया गया है कि एनसीईआरटी ने सत्र 2022-23 के लिए कुल 67 किताबों की छपाई व वितरण का कॉपीराइट माध्यमिक शिक्षा परिषद उप्र को दिया है। इनमें कक्षा नौ से 12 तक के 34 विषयों की किताबें शामिल हैं। परिषद ने ई निविदा के जरिए कुल तीन मुद्रकों को चयनित किया है। जिनमें झांसी की दो व एक आगरा का है। आरोप है कि राजीव प्रकाशन समेत कुछ अन्य प्रकाशक गैरकानूनी तरीके से किताबों का प्रकाशन कर रहे हैं।
एनसीईआरटी आधारित का टैग लगाकर किताबों को दो से पांच गुना अधिक मूल्य पर बेचा भी जा रहा है। सिविल लाइंस इंस्पेक्टर वीरेंद्र सिंह ने बताया कि धोखाधड़ी व कॉपीराइट एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल की जा रही है। उधर, सचिव की ओर से अपर मुख्य सचिव, विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा, आईजी रेंज प्रयागराज, शिक्षा निदेशक माध्यमिक को भी पत्र भेजकर मामले से अवगत कराया गया है