आयोग ने बदला स्टाफ नर्स भर्ती का परिणाम

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उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा विभाग, चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग और किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय में स्टाफ नर्स भर्ती 2021 का संशोधित परिणाम मंगलवार को जारी कर दिया। स्टाफ नर्स/सिस्टर ग्रेड-2 (पुरुष/महिला) में विज्ञापित 4743 पदों के सापेक्ष 3105 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया है। आयोग द्वारा निर्धारित न्यूनतम अर्हता धारित अभ्यर्थी उपलब्ध न होने के कारण 1638 सीटें खाली रह गईं।

इससे पहले चार जनवरी 2022 को घोषित परिणाम में 3014 अभ्यर्थी चयनित हुए थे। संशोधित परिणाम में पूर्व में फेल 146 अभ्यर्थी पास हो गए हैं जबकि पहले चयनित 55 अभ्यर्थी अब बाहर हो गए हैं। कुल 91 अतिरिक्त अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। आयोग के सचिव जगदीश के अनुसार चार जनवरी को घोषित परिणाम निरस्त कर नवीन चयन परिणाम घोषित किया गया है जो आयोग के नोटिस बोर्ड और वेबसाइट पर उपलब्ध है।
संशोधित परिणाम में चयनित 146 अभ्यर्थियों को अभिलेख सत्यापन के संबंध में अलग से सूचित किया जाएगा। सचिव के अनुसार परिणाम से संबंधित प्राप्तांक और श्रेणीवार/पदवार कटऑफ अंक की सूचना जल्द ही वेबसाइट पर प्रदर्शित की जाएगी।
अनुभव अंक को लेकर हुआ था विवादप्रयागराज। स्टाफ नर्स भर्ती 2021 में अनुभव अंक के विवाद के कारण परिणाम संशोधित करना पड़ा। कुल 100 अंकों (85 लिखित परीक्षा और 15 अंक अनुभव) के आधार पर अभ्यर्थियों का चयन होना था। 85 अंकों की लिखित परीक्षा तीन अक्टूबर 2021 को कराई गई थी। अभ्यर्थियों को तीन अंक प्रतिवर्ष (अधिकतम पांच वर्ष) अनुभव के आधार पर मिलने थे। चार जनवरी को परिणाम घोषित होने के बाद कुछ अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं कर दी। कुछ अभ्यर्थियों का कहना था कि उनके अनुभव प्रमाणपत्र गलत तरीके से निरस्त कर दिए जबकि कुछ अन्य का कहना था कि उन्हें अनुभव के अंक कम मिले या काट लिए गए। हाईकोर्ट के 26 अप्रैल के आदेश के क्रम में डॉक्टरों की एक टीम गठित करते हुए सभी अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की नये सिरे से जांच कराई गई। जांच में कई अभ्यर्थियों के अंक बढ़ गए और कुछ के कम हो गए।
ज्वाइनिंग के लिए चार बार धरना दे चुके अभ्यर्थीचार जनवरी को घोषित परिणाम में चयनित अभ्यर्थी ज्वाईनिंग के लिए चार बार धरना दे चुके हैं। हाल ही में 25 जुलाई को पत्थर गिरजा चौराहा स्थित धरनास्थल पर प्रदर्शन किया था। अभ्यर्थियों का कहना था कि फरवरी में अभिलेखों का सत्यापन कराने के बाद तमाम अभ्यर्थियों ने अनापत्ति प्रमाणपत्र के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी थी। लेकिन ज्वाइनिंग न होने के कारण जीवनयापन का संकट पैदा हो गया था। पूर्व में ये अभ्यर्थी 15 जुलाई, 22 जून और 12 मई को भी आयोग के सामने प्रदर्शन कर चुके थे। हालांकि संशोधित परिणाम जारी होने के बाद भी नये सफल 146 अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र सत्यापन के कारण ज्वाईनिंग के लिए इंतजार करना पड़ेगा।