खेल, खोज और प्रयोग से सीखेंगे बच्चे, इन बातों का रखना होगा ध्यान

Photo of author

लखनऊ,। प्राइमरी स्कूलों के बच्चों को शिक्षक खेल, खोज और प्रयोग आधारित शिक्षण तकनीक की मदद से पढ़ाएंगे। सीखने की जितनी प्रकिया सरल, सुगम और आनंददायक होगी उतनी जल्दी बच्चे सीखेंगे। ऐसी गतिविधियों से शिक्षकों और बच्चों में आत्मीय सम्बंध स्थापित होगा। शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद ने सभी बीएसए को आदेश जारी कर इसे स्कूलों में लागू करने के लिए कहा है। इसके लिए शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के सभी स्कूलों के शिक्षकों को अगस्त से दिसम्बर तक की गतिविधियों का पूरा ब्योरा उपलब्ध करा दिया गया है।

महानिदेशक ने कहा कि शिक्षक बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ खेल गतिविधियां भी कराएं। आसपास के वातावरण से जुड़े उदाहरणों से समझाएं। इससे बच्चों में शिक्षक के प्रति संकोच और हिचकिचाहट दूर होगी।
शिक्षक हर हफ्ते गतिविधियां प्रेरणा एप पर अपलोड करेंगे
स्कूलों में करायी जाने वाली गतिविधियों को शिक्षक हर हफ्ते प्ररेणा एप पर अपलोड करेंगे। इनका आकलन कर अधिकारी इसे और बेहतर बनाने में मदद करेंगे। सराहनीय गतिविधियां होने पर शिक्षकों को सम्मानित भी किया जाएगा। इससे शिक्षकों का मनोबल भी बढ़ेगा। विभाग द्वारा नियुक्त प्रवेक्षक स्कूलों में जाकर गतिविधियों का मुआयना करेंगे। शिक्षक संकुल की बैठक में गतिविधियों के प्रभावी क्रियान्वयन पर चर्चा और प्रस्तुतिकरण करेंगे।
इन बातों का रखना होगा ध्यान
अगस्त से दिसम्बर तक ये गतिविधियों होंगी स्कूलों में
माह गतिविधि का शीर्षक और विवरण
अगस्त समूह में सिखाना, छात्रों के साथ घरेलू सामाग्री व स्टेशनरी का उपयोग कर शिक्षण सहायक समाग्री (टीएलएम) तैयार करें
सितम्बर बच्चों की टीम वार प्रतियोगिता होगी। विज्ञान व गणित के मॉडल बनाएंगे। स्कूल लगने वाले मेले में अभिभावक व प्रधान निरीक्षण कर देखेंगे।
अक्तूबर छात्रों से विज्ञान व गणित के मॉडल बनवाए जाएंगे। नुक्कड़ नाटक, कहानी की प्रस्तुति, पाठ्य योजना।
नवम्बर आउट डोर खेल, पत्र लेखन, कला पेंटिंग और पत्र लेखन
दिसम्बर व्यवसाय दिवस और पाठन पाठन की गतिविधि आयोजित होंगी।
● कक्षा में संवाद करके पढ़ाएं, पढ़ते समय आसपास वातावरण में मौजूद उदाहरणों का प्रयोग करें
● रचनात्मकता, तार्किक सोच एवं निर्णय लेने की क्षमताओं की दक्षता को बढ़ाएं
● नवीन और अनुभवात्मक विधियों को शामिल करना