गणित-विज्ञान हौव्वा को दूर करेंगें आईआईटी के टिप्स

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बरेली, बेसिक स्कूलों के छात्रों में गणित और विज्ञान का डर दूर करने में आईआईटी के टिप्स उपयोगी साबित होंगे। प्रदेश भर . के 100 शिक्षक आईआईटी गांधीनगर से ट्रेनिंग पूरी कर आ गए हैं। इन शिक्षकों का राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान प्रयागराज ने चयनः किया था। इसमें बरेली के शिक्षक अनिल कुमार गंगवार भी शामिल थे।

बेसिक स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए शासन लगातार प्रयास कर रहा है। इसके लिए शिक्षकों की स्पेशल ट्रेनिंग भी कराई जा रही हैं। इस बार राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान प्रयागराज ने आईआईटी गांधीनगर में प्रदेश भर के 100 शिक्षकों की ट्रेनिंग कराई। यह ट्रेनिंग 15 अगस्त से शुरू होकर 19 अगस्त को खत्म हुई। ट्रेनिंग का उद्देश्य उच्च प्राथमिक स्तर के छात्रों में गणित और विज्ञान के प्रति रूचि व जिज्ञासा उत्पन्न करना था। इसमें भुला ब्लॉक के कंपोजिट स्कूल महमदापुर के गणित शिक्षक अनिल कुमार गंगवार ने भी हिस्सा लिया। इन 100 शिक्षकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में तैयार किया गया है। अब यह शिक्षक अपने जिलों के शिक्षकों को ट्रेनिंग देंगे। उसके बाद आईआईटी से मिले ज्ञान का स्कूल में प्रयोग करेंगे। ट्रेनिंग के दौरान शिक्षकों को अंगुलियों पर हजारों हजार तक की गिनती करना सिखाया गया। ताश के पत्तों से विभिन्न एक्टीविटी कराई गई।
अब ब्लॉकवार शुरू होगा शिक्षकों का प्रशिक्षण
मास्टर ट्रेनर अनिल कुमार गंगवार ने बताया कि अब जिले भर के जूनियर ‘हाईस्कूलों के लगभग 700 गणित और 700 विज्ञान शिक्षकों की ट्रेनिंग शुरू होगी। इसके लिए राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान प्रयागराज शेड्यूल जारी करेगा। पहले हर ब्लॉक से एक योग्य शिक्षक को चुनकर ब्लॉक मास्टर ट्रेनर के रूप में पारंगत किया जाएगा। इसके बाद सभी ब्लॉक मास्टर ट्रेनर और हम मिलकर जिले के शिक्षकों को प्रशिक्षत करेंगे। ट्रेनर कम पड़ने पर नजदीकी जिला के मास्टर ट्रेनर की भी मदद ली जा सकती है।
जीरो इन्वेस्टमेंट में मॉडल बनाना सीखे
शिक्षक अनिल कुमार गंगवार ने बताया कि पांच दिन की ट्रेनिंग के दौरान कई  विशेषज्ञों से रूबरू होने का मौका मिला। हम लोगों को जीरो इन्वेस्टमेंट में टीचिंग लर्निंग मॉडल बनाना सिखाया गया। कागज, हार्ड शीट, फाइबर, प्लास्टिक, लकड़ी आदि से विभिन्न मॉडल बनाने सिखाए गए। इन मॉडल के माध्यम से बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाई करवानी है। गणितीय अवधारणाओं को थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल के जरिए भी सिखाना है। प्रैक्टिकल में भी लैब के अलावा आसपास के परिवेश से उदाहरण देते हुए शिक्षित करना है।