फर्रुखाबाद, कार्यालय संवाददाता। शहर की घनी आबादी वाले बहादुरगंज मोहल्ले में शुक्रवार की सुबह दिल दहलाने वाली घटना सामने आयी। शिक्षक पिता ने दो बेटियों की हत्या कर फांसी लगा कर जान दे दी। उसके पास से चार सुसाइड नोट मिले हैं, जिनमें उसने पत्नी की मौत से दुखी होकर खुदकुशी की बात लिखी है। शिक्षक अपने ननिहाल में रहता था।
मऊदरवाजा थाने के ठीक पीछे बहादुरगंज मोहल्ले में एक निजी विद्यालय के शिक्षक धर्मंद्र उर्फ सुनील जाटव बेटियों 11 वर्ष की सृष्टि और सात वर्ष शगुन के साथ रहते थे। मामा रामनाथ व उनका पुत्र शिवम अपने परिवार के साथ इसी मकान में दूसरे हिस्से में रहते हैं। शुक्रवार सुबह धर्मेंद्र उर्फ सुनील के छात्र ट्यूशन पढ़ने घर पहुंचे, तो दरवाजा नहीं खुला। बच्चों ने शिवम को जानकारी दी। शिवम ने देर तक खटखटाया लेकिन दरवाजा नहीं खुला। मोहल्ले वालों की भीड़ के बीच दरवाजा तोड़ा गया। अंदर धर्मेंद्र पंखे में फांसी के फंदे से झूल रहा था। उसकी दो बेटियां तखत पर पड़ी थीं। उन पर चादर पड़ी थी। दोनों के गले में अंगौछा कसा हुआ था। पुलिस और फोरेंसिक टीम पहुंची। कमरे से पुलिस को चार सुसाइड नोट मिले, जिनमें लिखा है कि वह पत्नी प्रीति की मौत के बाद से निराश है। आत्महत्या कर रहा है। इसमें किसी का दोष नहीं है। शिक्षक और उसकी दोनों बेटियों के शव पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए। एसपी अशोक कुमार मीणा ने भी मौके पर जांच पड़ताल की। उन्होंने कहा कि सुसाइड नोट से लग रहा है कि धर्मेंद्र डिप्रेशन में था। उधर शिवम ने बताया कि धर्मेंद्र की पत्नी प्रीति की दो माह पहले मायके में करंट लगने से मौत हो गयी थी। इसके बाद से ही धर्मेंद्र तनाव में थे। वह ननिहाल में ही रहते थे। यहीं पर पढ़ाई की।