गोरखपुर। प्रधानाचार्य राष्ट्रीय मूल्यों का संस्थापक ही नहीं बल्कि उन मूल्यों का प्रहरी भी होता है। एक स्वस्थ्य और शिक्षित राष्ट्र की कल्पना बिना प्रधानाचार्यों की भूमिका के संभव नहीं है। गोरखपुर में आयोजित अमृत महोत्सव को सफलता का श्रेय प्रधानाचार्यों को जाता है। ये बातें मुख्य अतिथि डीआईओएस ज्ञानेंद्र सिंह भदौरिया ने बुधवार को उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद की ओर से आयोजित आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के समापन समारोह के दौरान टाउनहाल स्थित गांधी प्रतिमा के समक्ष कहीं।
इसके पूर्व डीआईओएस की अगुवाई में शहर के प्रमुख मार्ग से होते हुए प्रधानाचार्य टाउनहाल स्थित गांधी प्रतिमा के समक्ष एकत्र हुए। साथ ही मां भारती के चरणों में अपनी श्रद्धा निवेदित की जिलाध्यक्ष जफर अहमद ने अतिथियों का स्वागत किया। प्रदेश महामंत्री डॉ रवींद्र त्रिपाठी ने देश की स्वाधीन यात्र को रेखांकित किया।
उपाध्यक्ष डॉ. दिनेश मणि त्रिपाठी, प्रदेश संयुक्त मंत्री रीता श्रीवास्तव, आर बी सिंह आदि ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर जिला कार्यकारी अध्यक्ष राम बहाल त्रिपाठी, जिल मंत्री गिरिजेश पांडेय, जिला कोषाध्यक्ष डॉ मनोज राय, उपाध्यक्ष मुरलीधर मिश्र, डॉ लाल प्रताप सिंह आदि मौजूद रहे।