बिना अनुमोदन शिक्षक काे बनाया प्रधानाचार्य, उनकी जगह मृतक आश्रित से की नियुक्ति

Photo of author

हनुमत संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रामबाग के शिक्षक को बिना अनुमोदन के प्रधानाचार्य बना दिया गया। उनको प्रधानाचार्य का वेतन भी दे दिया गया। इससे खाली हुए शिक्षक के पद पर मृतक आश्रित से नियुक्ति कर दी गई। अब इस मामले को संयुक्त शिक्षा निदेशक ने संज्ञान में लिया और जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) से जवाब मांगा गया है।

संस्कृत विद्यालय में साहित्य विषय के सहायक अध्यापक पद पर शिवओम शरण मिश्र का चयन हुआ था। इस विद्यालय में प्रधानाचार्य का पद खाली था। नियमानुसार प्रधानाचार्य के पद पर चयन होने तक उच्च अधिकारियों से अनुमोदन लेकर वरिष्ठ शिक्षक का कार्यभार दिया जा सकता है। कार्यभार देने के बावजूद उसका वेतन शिक्षक का ही रहेगा। लेकिन संस्कृत विद्यालय में बिना अनुमोदन शिवओम शरण मिश्र को प्रधानाचार्य बना दिया गया। फिर डीआईओएस ने उनको प्रधानाचार्य का वेतन भी जारी कर दिया।
उसके बाद रिक्त हुए साहित्य विषय के पद पर मृतक आश्रित कोटे से एक व्यक्ति की नियुक्ति कर दी गई। उस विद्यालय में साहित्य विषय का एक ही पद सृजित हैं लेकिन अब दो नियुक्ति हो गई है। इसकी जानकारी संयुक्त शिक्षा निदेशक दिब्यकांत शुक्ल काे हुई तो उन्होंने डीआईओएस से इस पर तीन दिन में जवाब मांगा है। उन्होंने पत्र में लिखा कि तदर्थ संस्थाध्यक्ष के रूप में शिवओम शरण मिश्र उच्चतर वेतनमान पाने के अधिकारी नहीं हैं। उनको अधिक वेतन देना वित्तीय अनियमितता है। यह शासकीय धनराशि की क्षति है। इसके उत्तरदायी डीआईओएस होंगे। वहीं डीआईओएस ने बताया कि इस मामले की जांच कराई जाएगी। अगर अनियमित वेतन भुगतान हुआ है तो उससे रिकवरी की जाएगी।