परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को स्कूल बुलाने की मिड डे मील सरकार की अति महत्वपूर्ण योजना हैं।
योजना का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण अंग रसोइयां हैं। जो दुसरे बच्चों का पेट भरने के लिए सवेरे से ही काम में लग जाती है। इन्हें मात्र 1500 मासिक मानदेय मिलता है। जो कि मनरेगा मजदूरों के सापेक्ष 6 गुणा कम है और वह भी समय पर नही मिलता। बीते 10 माह से रसोइयां को वेतन नहीं मिल पाया है। ऐसे में बेचारे रसोइयां के बच्चे भूखें व गुरबत में जीने को मजबुर है। ये अपनी गुहार लगाये तो कहा लगायें, इनकी समस्या कोई सुनने को तैयार नही।
ग्राम जोगीपुरा के उच्च प्राथमिक विद्यालय में 370 बच्चे रजिस्टर्ड हैं। जिनके मिड डे मील के लिए पांच रसोइयां तैनात हैं। । उन्होंने सरकार से प्रति माह मानदेय दिलवाने की मांग की है।