प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार के आरोप में फंसे वाराणसी के पूर्व बीएसए राकेश सिंह की पुलिस रिपोर्ट पेश होने तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी एवं न्यायमूर्ति उमेश चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने वाराणसी के बेसिक शिक्षा अधिकारी रहे राकेश सिंह की याचिका पर दिया है।
याची के खिलाफ विजिलेंस ने 25 जुलाई को धोखाधड़ी, जालसाजी और भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
आरोप है कि उन्होंने बलिया में तैनाती के दौरान बर्खास्त शिक्षक सुरेंद्र नाथ यादव को अवैध तरीके से बहाल कर बर्खास्तगी अवधि का वेतन भी दिलवाया है। उसके बाद उन्होंने संबंधित पत्रावली भी गायब कर दी।
याची के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि 2013 में उस शिक्षक की प्रशिक्षण डिग्री फर्जी मिलने पर नियुक्ति रद्द कर दी गई थी। जिसके बाद निदेशालय के निर्देश पर डिग्री का सत्यापन दूसरी बार कराया गया था। जांच में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय ने डिग्री को वैध बताया था।