विरोध : बांह पर काली पट्टी बांधकर पढ़ा रहीं शिक्षिकाएं

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 उसका बाजार बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षक शिक्षिकाएं बांह पर काली पट्टी बांधकर पढ़ा रहे हैं। शिक्षकों के अनुसार, आकांक्षी जिले में स्थानांतरण नहीं होने के विरोध का उन्होंने यह तरीका अपनाया है। इस विरोध में कोई शिक्षक संगठन आगे नहीं आया है।
सिद्धार्थनगर समेत आकांक्षी जिले बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, चित्रकूट, फतेहपुर, सोनभद्र और चंदौली में बेसिक विभाग में अंतरजनपदीय स्थानांतरण नहीं होने से नाराज शिक्षक काली पट्टी बांध कर शिक्षण कर रहे हैं। उन्होंने 20 सितंबर तक हाथ में काली पट्टी बाध कर शिक्षण का निर्णय लिया है। उनका कहना है कि जिले में तैनात हुए सात-आठ वर्ष बीत चुके है। आश्वासन के बाद भी सरकार उनकी सुध नहीं ले रही है। जबकि इन जनपदों से अन्य विभागों में निरंतर स्थानांतरण हो रहे हैं। सरकार के दोहरे रवैए से अंतरजनपदीय स्थानांतरण चाहने वाले शिक्षकों में निराशा बढ़ी है।

शिक्षिकाएं अंशू पवार, दिव्यांशू सिंह, पारुल प्रतिभा, साक्षी शर्मा, रीतू शर्मा, विभा यादव, शैल यादव, रीतू सिंह, मीनाक्षी सिंह, सुधा श्रीवास्तव, ज्योति चौरसिया का कहना है कि वे अपने गृह जनपद से सैकड़ों किमी दूर रहकर नौकरी कर रही है। ऐसे में उनका परिवार छूट जा रहा है, स्कूल समय में इनके बच्चों का देखभाल करने वाला भी कोई नही रहता है जिससे इन्हें दोहरी कई शिक्षक-शिक्षिकाओं का स्कूल दूर होने के कारण आवागमन में भी परेशानी होती है। पिछले वर्ष दिव्यांग एवं सेना में कार्यरत सैनिकों की पत्नियों के स्थानांतरण से इनमें उम्मीद जगी थी कि अब उनका भी स्थानातरण हो जाएगा लेकिन आश्वासन के बावजूद कोई प्रक्रिया नहीं होती देख, उम्मीदें टूट रही हैं।