केंद्र सरकार बेसिक व माध्यमिक स्तर पर छात्र-छात्राओं को सुदूर विद्यालयों में पढ़ने जाने के लिए परिवहन भत्ता भी देती है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि यदि यूपी से छात्रों के भत्ते की डिमांड आएगी तो केंद्र उसका भुगतान करेगा। हालांकि, यूपी में बेसिक शिक्षा के परिषदीय स्कूलों की पर्याप्त संख्या होने के कारण अभी यह भत्ता नहीं लिया जाता। वहीं, समग्र शिक्षा में माध्यमिक स्तर से कोई डिमांड बनती नहीं है। ऐसे में अब प्रदेश में मानकों के परीक्षण के बाद जरूरत के अनुसार भत्ते की डिमांड तैयार की जाएगी।
छात्रों के यात्रा भत्ते की उक्त बात शुक्रवार को दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित प्रदेश के शिक्षा मंत्रियों व अधिकारियों की बैठक में उठी। वहां मौजूद रहे अधिकारियों के अनुसार केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने बताया कि छात्रों 500 रुपये परिवहन भत्ता केंद्र द्वारा दिए जाने की व्यवस्था है। लेकिन यूपी से इसे कभी नहीं मांगा गया। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि केंद्र निर्धारित से ज्यादा दूरी पर स्थित विद्यालयों तक आवागमन के लिए बच्चों को यात्रा भत्ता देता है।
चूंकि प्रदेश में 300 की न्यूनतम आबादी व एक किलोमीटर के दायरे में प्राथमिक स्कूल और 800 की आबादी पर तीन किलोमीटर में जूनियर हाईस्कूल का मानक पूरा है। इसलिए यहां यात्रा भत्ता मांगने का औचित्य ही नहीं। वहीं समग्र शिक्षा में 5 किलोमीटर पर सरकारी हाईस्कूल व 7 किलोमीटर की परिधि में सरकारी इंटर कॉलेज का मानक अभी पूरा नहीं है। ऐसे में यहां भत्ते पर विचार की गुंजाइश है। वहीं, कुछ अधिकारियों का जोर भत्ते के बजाय स्कूल खोलने पर है। साथ ही सहायता प्राप्त विद्यालयों को भी नजरंदाज न करने की बात कही जा रही है। इसी पर अब योजना का अध्ययन कर मानकों के अनुसार राशि की मांग करने की बात कही जा रही है।
इसके अलावा बैठक में पीएम श्री योजना के तहत हर ब्लॉक में दो-दो यानी 2000 विद्यालय भी खोलने पर चर्चा की गई। बैठक में माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह और व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल मौजूद थे।