बिहार बोर्ड मैट्रिक की परीक्षा का आज पहला दिन है और सुबह की शिफ्ट की परीक्षा खत्म भी हो गई है. सुबह 9:30 बजे से परीक्षा शुरू हुई थी, जो दोपहर 12:45 बजे तक चली. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति यानी बीएसईबी ने परीक्षा को लेकर सुरक्षा चाक-चौबंद रखी थी. सभी परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे और हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही थी. छात्रों को 15 मिनट का एक्स्ट्रा समय भी दिया गया था, ताकि वो प्रश्नों को अच्छे से पढ़ लें, समझ लें और सही से उनके उत्तर लिखें. हिंदी, उर्दू, बांग्ला और मैथिली भाषा की ये परीक्षा देकर निकले परीक्षार्थी काफी खुश नजर आए. आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि हिंदी का पेपर कैसा था?
रोती-बिलखती दिखीं छात्राएं
कुछ छात्राएं ऐसी भी थी, जो सेंटर पर लेट से पहुंची थीं, जिसके बाद उन्हें एंट्री नहीं मिली. इस वजह से वो सेंटर पर ही रोती-बिलखती नजर आईं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये मामला सीतामढ़ी के एक स्कूल का है. छात्रों का कहना है कि पेपर का स्तर न ज्यादा हार्ड था और न ही आसान यानी पेपर मीडियम स्तर का था. उन्होंने बताया कि अन्य सेक्शन की तुलना में व्याकरण सेक्शन पर ज्यादा ध्यान दिया गया था.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
एक्सपर्ट ने बताया कि अधिकांश प्रश्न 10वीं के हिंदी पाठ्यक्रम से ही पूछे गए थे. ऐसे में जिन छात्रों ने अच्छे से हिंदी पढ़ी होगी और तैयारी की होगी, उनके लिए पेपर आसान था. ज्यादातर सवाल ऐसे थे जो आसानी से किए जा सकते थे, हालांकि कुछ सवालों ने छात्रों को उलझाया मगर ओवरऑल पेपर की बात करें तो यह आसान रहा.
BSEB की गाइडलाइन
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने परीक्षा से एक दिन पहले ही गाइडलाइन जारी कर दी थी और छात्रों को कई जरूरी बातें बताई थीं. बोर्ड ने छात्रों को परीक्षा केंद्र पर एक घंटा पहले आने की सलाह दी थी और साथ ही ये भी जानकारी दी थी कि एग्जाम सेंटर के गेट परीक्षा शुरू होने से आधा घंटा पहले बंद कर दिए जाएंगे और उसके बाद किसी को भी एंट्री नहीं दी जाएगी. इसके अलावा बोर्ड ने जूता-मोजा की जगह चप्पल पहनकर परीक्षा हॉल में आने की सलाह दी थी.
ये चीजें थीं प्रतिबंधित
बीएसईबी की गाइडलाइन में जिन चीजों को परीक्षा हॉल में लाने से मना किया गया था, उनमें कैलकुलेटर से लेकर मोबाइल फोन, ब्लूटूथ और ईयरफोन जैसे इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स शामिल थे. बोर्ड ये सख्त हिदायत दी थी कि अगर कोई छात्र इन चीजों के साथ एग्जाम हॉल में पकड़ा जाएगा तो उसे परीक्षा देने से रोका जा सकता है और उन्हें 2 साल के लिए परीक्षा से बैन भी किया जा सकता है.