इतिहास में 20 फरवरी ऐसी तारीख है, जो भारत के लिए बेहद खास है. यही वो दिन है जब पहली बार भारत को आजाद करने का ऐलान किया गया था. पूर्वोततर के दो अहम राज्य अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम भी आज के दिन ही भारत का हिस्सा बने थे.
ब्रिटेन के पीएम क्लीमेंट एटली ने 20 फरवरी 1947 को पहली बार ये ऐलान किया था कि भारत 30 जून 1947 को आजाद हो जाएगा. हालांकि बाद में इस तारीख को बदलकर 15 अगस्त कर दिया गया था. आइए जानते हैं कि आज के दिन देश-दुनिया के इतिहास में क्या-क्या हुआ था.
आज का इतिहास
- 1986 में पहली बार कंप्यूटर से रेल रिजर्वेशन की व्यवस्था शुरू की गई थी.
- 1835 में कोलकाता मेडिकल कालेज आधिकारिक तौर पर खुला था.
- 1846 में अंग्रेजों ने लाहौर पर कब्जा कर लिया था.
- 1935 में केरोलाइन मिकेल्सन अंटार्कटिका पर पहुंचने वाली पहली महिला बनी थीं.
- 1943 में, एक मैक्सिकन किसान के मकई के खेत में पेरिकुटिन ज्वालामुखी बना और लगातार विस्फोट होते रहे.
- 1947 में भारत को आजाद करने का ऐलान किया गया था. यही वो दिन है जब माउंटबेटन को भारत का आखिरी वायसराय घोषित किया गया था.
- 1987 में मिजोरम भारत का 23वां और अरुणाचल प्रदेश 24 वां हिस्सा बने थे.
- 1999 में तत्कालीन पीएम अटल बिहारी पाकिस्तान के तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ से वार्ता के लिए पाकिस्तान गए थे.
आज के दिन जन्में व्यक्ति
- 1844 में लुडविग बोल्ट्ज़मान जो ऑस्ट्रियाई भौतिक विज्ञानी थे का जन्म हुआ था. उन्हें सांख्यिकीय व्याख्या के लिए जाना जाता है.
- 1901 में एस्टोनिया अमेरिकी वास्तुकार लुइस काह्ल का जन्म हुआ था. उन्हें 20 सदीं का महत्वपूर्ण वास्तुकार माना जाता है.
- 1927 में सिडनी पोइटियर का जन्म हुआ था जो सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का ऑस्कर जीतने वाले पहले अश्वेत व्यक्ति बने थे.
- 1988 में रिहाना का जन्म हुआ था जो अमेरिका के इतिहास में सबसे ज्यादा बिकने वाली एल्बम के लिए जानी जाती हैं.
आज के दिन हुए महत्वपूर्ण व्यक्तियों के निधन
- 1790 में पवित्र रोमन सम्राट जोसेफ द्वितीय का निधन हुआ था जिन्होंने पहली बार धार्मिक समानता को स्थापित किया था.
- 1895 में अमेरिकी समाज सुधारक वक्ता फ्रेडरिक डगलस कका निधन हुआ था जो अमेरिकियों को गुलामी से मुक्ति दिलाने के लिए लड़े.
- 1920 में अमेरिका के नौसेना कप्तान रॉबर्ट पीरी ने इस दुनिया को अलविदा कहा था वे उत्तरी ध्रुव पर पहुंचने वाले पहले व्यक्ति थे.
- 2015 में गोविंद पानसरे जिन्होंने शिवाजी की सर्वाधिक बिकने वाली मराठी जीवनी लिखी थी.