पायलट एक ड्रीम जॉब है, हर युवा आसमान छूना चाहता है. यह रोमांचक होने के साथ-साथ सम्माजनक करियर विकल्प भी है. आसमान की चुनौतियों से जूझने के लिए आपको लंबी ट्रेनिंग की आवश्यकता होती है. हालांकि पायलट का लाइसेंस मिलने के बाद एक सुनहरा भविष्य आपका इंतजार कर रहा होता है.
पायलट बनने के लिए आपको साइंस स्ट्रीम की जरूरत होती है. बारहवीं में अच्छे नंबर होने चाहिए और शारीरिक मानक भी. यदि ये क्वालिफिकेशंस हैं तो फिर आप किसी इंस्टीट्यूट में पायलट बनने के लिए दाखिला ले सकते हैं. (फोटो- Freepik)
इंस्टीट्यूट में आपको पढ़ाई कराई जाती है, इसके बाद सिमुलेशन पर विमान उड़ाने की ट्रेनिंग दी जाती है. इसके बाद एक परीक्षा होती है और लाइसेंस जारी कर दिया जाता है. हालांकि ये सिर्फ ट्रेनिंग वाले विमान उड़ाने के लिए होता है. (फोटो- Pixabay)
अब तक आप प्रशिक्षु पायलट बन चुके होते हैं, इसके बाद आपको छोटे विमान उड़ाने की ट्रेनिंग दी जाती है, पहली कुछ उड़ानों में ट्रेनर साथ होता है, इसके बाद कुछ सोलो उड़ाने भी करनी होती हैं. (फोटो- Pixabay)
ट्रेनिंग पूरी करने के बाद अगर आप कॉमर्शियल पायलट बनने की इच्छा रखते हैं तो आपको अतिरिक्त 50 घंटे की ट्रेनिंग और करनी होती हैं, इसके बाद आपको कॉमर्शियल फ्लाइट उड़ाने का लाइसेंस मिल जाता है. इस पूरी प्रक्रिया में 60 लाख से 1 करोड़ तक रुपये खर्च हो सकते हैं. (फोटो- Pixabay)
कॉमर्शियल उड़ान भरने वाले पायलट की शुरुआती सैलरी 2 लाख से 5 लाख रुपये प्रति माह तक होती है, हालांकि कैप्टन की सैलरी 8 से 15 लाख प्रतिमाह तक होती है. पोस्ट और अनुभव के साथ इसमें बढ़ोतरी होती रहती है. (फोटो- Freepik)