न्यू वर्ल्ड की चुनौतियों के लिए भारत होगा तैयार… काशी में NEP पर बोले एस जयशंकर

वाराणसी में आयोजित काशी-तमिल संगमम 3.0 में विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा कि नई शिक्षा नीति (NEP) भारत को एक बार फिर से तकनीकी शक्ति के रूप में स्थापित करने में मदद करेगी. उन्होंने बताया कि यह नीति न्यू वर्ल्ड की चुनौतियों से निपटने के लिए युवाओं को प्रीपेयर करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बन रही है.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत शुरू से ही दुनिया के लिए तकनीकी ज्ञान का सोर्स रहा है. आज हम उस गौरव को फिर से हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं. नई शिक्षा नीति के माध्यम से हम लोगों को भविष्य की चुनौतियों के लिए प्रीपेयर कर रहे हैं. इसका सबसे अच्छा उदाहरण अंतरिक्ष क्षेत्र है जहां युवा बड़ी भूमिका निभा रहे हैं. आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) में भी भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है. प्रधानमंत्री हाल ही में पेरिस में आयोजित एआई समिट में शामिल हुए थे.

तकनीक और परंपरा का बैलेंस

जयशंकर ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और ड्रोन तकनीक के क्षेत्र में भारत की प्रगति पर जोर देते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत कई नई टेक्नोलॉजी को बढ़ावा दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि भारत अब केवल आधुनिक तकनीकों पर ही नहीं बल्कि अपनी प्राचीन परंपराओं को भी विज्ञान के साथ जोड़ने पर ध्यान दे रहा है. उन्होंने कहा हम अपनी परंपराओं और इतिहास से प्रेरणा लेकर आधुनिक तकनीक के विकास पर ध्यान दे रहे हैं.

जयशंकर ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी टेक्नोलॉजी और परंपरा के तालमेल पर जोर दिया है. उन्होंने बताया कि भारतीय ज्ञान प्रणाली (Indian Knowledge System) पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है.

नई शिक्षा नीति से होगा विकास

जयशंकर ने नई शिक्षा नीति के उद्देश्य पर भी अपने विचार रखे और कहा कि यह केवल तकनीकी क्षेत्र में प्रगति तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह युवाओं को वैश्विक स्तर पर कॉम्पटीटर बनाने की दिशा में भी काम कर रही है. उन्होंने कहा कि भारत अब न केवल स्पेस और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में अग्रणी भूमिका निभा रहा है. बल्कि ड्रोन तकनीक और अन्य उन्नत क्षेत्रों में भी नई संभावनाओं को जन्म दे रहा है.