5 टिप्स की मदद से क्रैक कर दिया UPSC, सौरभ भुवनिया ऐसे बने थे बैंकर से IAS

weसौरभ भुवनिया ने 2018 में UPSC सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक (AIR) 113 हासिल की. यह उपलब्धि इसलिए खास है क्योंकि उन्होंने यह सफलता एक फुल-टाइम नौकरी और पिता की जिम्मेदारियों को निभाते हुए पाई. इंटरव्यू राउंड में उन्होंने 201 अंक हासिल किए, जो उस साल का तीसरा सबसे हाई स्कोर था.

सौरभ का सफर आसान नहीं था. 2017 में पहले प्रयास में मेंस परीक्षा पास न कर पाने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी. दूसरे प्रयास में उन्होंने कड़ी मेहनत, धैर्य और सही रणनीति के साथ परीक्षा पास दी. इस दौरान वे भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) में काम कर रहे थे. उनका कहना था कि, ‘मेरी बैंकिंग की नौकरी संतोषजनक थी, लेकिन मेरा दिल हमेशा ऐसे काम के लिए धड़कता था, जिससे समाज में बदलाव आ सके.’

प्रेरणा और सपनों की उड़ान

सौरभ को IAS अधिकारी बनने की प्रेरणा अपने पिता से मिली. सौरभ ने देखा था कि पिता के प्रिंटिंग प्रेस में सरकारी अधिकारियों का आना जाना लगा रहता था जिन्हे काफी इज्जत मिलती थी. इसके अलावा, झारखंड के दुमका में एक ज़िला कलेक्टर को जनता के मामलों को सुलझाता देख सौरभ काफी प्रभावित हुए थे. उसी समय उन्होंने ठान लिया था कि वे भी ऐसा ही कुछ करेंगे. UPSC की तैयारी शुरू करने के दो महीने बाद ही सौरभ और उनकी पत्नी पारुल को खुशखबरी मिली कि वे माता-पिता बनने वाले हैं. लेकिन सौरभ ने इस जिम्मेदारी को बाधा नहीं, बल्कि प्रेरणा माना. और आखिरकार दूसरे प्रयास में वे IAS अधिकारी बने.

UPSC प्रीलिम्स के लिए सौरभ के 5 टिप्स

1. गुणवत्ता को प्राथमिकता दें

सौरभ का कहना है कि परीक्षा में सफलता के लिए घंटों की संख्या से ज्यादा यह मायने रखता है कि आप क्या और कैसे पढ़ रहे हैं. गुणवत्ता को प्राथमिकता देते हुए कम लेकिन प्रभावी पढ़ाई करें, क्योंकि लंबे समय तक पढ़ने से ही अच्छे परिणाम नहीं मिलते. वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए वे सलाह देते हैं कि वे वीकेंड्स पर 8-9 घंटे और वर्किंग डेज पर 5-6 घंटे पढ़ें.

2. एलीमिनेशन तकनीक में महारत हासिल करें

प्रीलिम्स में मल्टीपल-चॉइस सवालों में नेगेटिव मार्किंग होती है, इसलिए सौरभ सलाह देते हैं कि एलीमिनेशन तकनीक में महारत हासिल करें. अगर सही उत्तर न पता हो, तो गलत विकल्पों को हटाकर सही उत्तर का अनुमान लगाया जा सकता है. इसके लिए नियमित प्रैक्टिस बेहद जरूरी है. वे सुझाव देते हैं कि प्रतिदिन 25-30 MCQs हल करें और उनके समाधान को गहराई से समझें, ताकि उत्तर चुनने की क्षमता में सुधार हो.

3. अधिक से अधिक मॉक टेस्ट हल करें

अगर परीक्षा से 3 महीने पहले 90% सिलेबस भी कवर हो गया हो, तो सौरभ का मानना है कि मॉक टेस्ट पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. वे सलाह देते हैं कि नियमित रूप से विषयवार मॉक टेस्ट और 100 सवालों वाले फुल-लेंथ टेस्ट दें, ताकि गति बढ़े और गलतियां कम हों. आत्मविश्वास बढ़ाने और सफलता की संभावना को मजबूत करने के लिए करीब 5000 सवालों का अभ्यास करना बेहद फायदेमंद होगा.

4. CSAT को न करें नजरअंदाज

CSAT को हल्का न लें, क्योंकि यह भले ही क्वालिफाइंग पेपर हो, लेकिन इसका स्तर अब कठिन हो गया है. सौरभ की सलाह है कि पैसज, समानार्थक शब्द और गणितीय योग्यता पर खास ध्यान देते हुए पिछले वर्षों के पेपर हल करें. अगर आप 70-80 अंक ला रहे हैं, तो कमजोर क्षेत्रों की पहचान करके उन पर सुधार करने के लिए अधिक अभ्यास करें, ताकि परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन हो सके.

5. छुट्टियों की योजना समझदारी से बनाएं

सौरभ ने RBI में नौकरी के दौरान प्रीलिम्स के लिए 10 दिन और मेंस के लिए 3 हफ्तों की छुट्टी लेकर अपनी पढ़ाई को प्रभावी बनाया था. उनका सुझाव है कि परीक्षा के तीनों चरणों—प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू—के लिए समय और छुट्टियों की अच्छी योजना बनाएं, ताकि तैयारी व्यवस्थित और संतुलित तरीके से हो सके.

मानसिक स्थिरता और मोटिवेशन बनाए रखें

UPSC की तैयारी में उतार-चढ़ाव आना सामान्य है, इसलिए मानसिक रूप से मजबूत रहना बेहद जरूरी है. इसके लिए प्रेरणादायक किताबें पढ़ें, सकारात्मक सोच बनाए रखें, और तनाव से बचने के लिए बीच-बीच में ब्रेक लेकर दोस्तों या परिवार के साथ समय बिताएं.

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