कैसे बनते हैं OSD और PA, जिन पर महाराष्ट्र में छिड़ी रार, जानिए क्या करनी होती है पढ़ाई

महाराष्ट्र की राजनीति में OSD और PA की नियुक्ति को लेकर भूचाल आया हुआ है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने साफ साफ कह दिया है कि मंत्रियों के ओएसडी और पीए पर वह खुद फैसला लेंगे, चाहे कोई भी नाराज हो. दरअसल OSD का अर्थ ऑन स्पेशल ड्यूटी होता है. यानी ऐसा अधिकारी जो स्पेशल ड्यूटी पर हो.

महाराष्ट्र सरकार में ओएसडी और पीए की नियुक्ति पर नया संग्राम छिड़ गया है. दरअसल महाराष्ट्र में नई सरकार बनने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने अब तक अटके नए ओएसडी और पीए के नामों को मंजूरी दी है. बवाल इस बात पर है, क्योंकि फडणवीस ने प्रस्तावित 125 में से सिर्फ 109 नामों को ही मंजूरी दी है. जो नाम रोके गए हैं, उनके खिलाफ कोई न कोई जांच लंबित है. फडणवीस का कहना है कि मैं दागी उम्मीदवारों को मंजूरी नहीं दूंगा, चाहे कोई कुछ सोचे.

कैसे बनते हैं ओएसडी और PA

OSD और पीए बनने के लिए किसी विशेष अर्हता की आवश्यकता नहीं होती. कोई भी सिविल सेवा अधिकारी इस पोस्ट पर नियुक्त हो सकता है. हालांकि उसकी रैंक सचिव और अपर सचिव के बीच होनी चाहिए. किसी भी सरकार में मंत्रियों को पीए और ओएसडी मिलता है, जिनकी नियुक्ति सरकार का सर्वेसर्वा करता है. इसके लिए नाम की सिफारिश राज्य का प्रमुख या मुख्य सचिव स्तर का अधिकारी करता है.

क्या करनी होती है पढ़ाई

OSD और पीए बनने के लिए सिविल सेवक होना जरूरी है, ऐसे में किसी भी विषय में ग्रेजुएशन कर सिविल सेवा की परीक्षा पास की जा सकती है. जब अधिकारी सचिव और अपर सचिव की रैंक के बीच पहुंचते हैं तो वह ओएसडी और पीए बनने की अर्हता प्राप्त कर लेते हैं. अगर सीएम चाहें तो किसी अधिकारी को सचिव रैंक से पहले भी किसी का भी ओएसडी नियुक्त कर सकते हैं.

कैसे होती है OSD और PA पद पर नियुक्ति

सरकार में OSD और पीए पद पर नियुक्ति सीएम करता है. एक मंत्री एक पीए और तीन ओएसडी रख सकता है. पीए ओएसडी मिलाकर उसे कुल 35 लोगों का स्टाफ रखने का अधिकार होता है. सीएम ओएसडी और पीए उसी अधिकारी को नियुक्त करते हैं जो सरकारी अधिकारी हो. उनका ट्रैक रिकॉर्ड बेहतर हो और एक्सपीरियंस और कम्युनिकेशन स्किल में भी अच्छा हो.