रेलवे विभागीय परीक्षा पेपर लीक: जानें कैसे होता है ये एग्जाम, पैटर्न क्या है, सैलरी कितनी, जिसपर हो गया बड़ा बवाल

रेलवे की एक विभागीय परीक्षा में हुए पेपर लीक मामले में बड़ा बवाल खड़ा हो गया है. इस मामले में अब तक 26 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसमें रेलवे के दो सीनियर अधिकारी, 17 लोको पायलट और अन्य रेलवे कर्मचारी शामिल हैं. इसके अलावा 1 करोड़ से अधिक कैश भी बरामद किया गया है और हाथ से लिखे गए प्रश्न पत्र की फोटोकॉपी भी जब्त की गई है. आइए जानते हैं कि रेलवे की ये विभागीय परीक्षा किस डिपार्टमेंट की है और उसके एग्जाम का पैटर्न क्या है, जिसपर अब इतना बड़ा बवाल हो गया है.

किस डिपार्टमेंट की परीक्षा पर बवाल?

यह बवाल रेलवे की लोको इंस्पेक्टर विभागीय प्रमोशन परीक्षा को लेकर हुआ है. बीते 4 मार्च को यह परीक्षा आयोजित होने वाली थी, लेकिन उससे पहले ही सीबीआई की एंटी करप्शन ब्यूरो के लखनऊ ब्रांच को पेपर लीक की जानकारी मिली और उसके बाद छापेमारी का दौर शुरू हुआ. इस छापेमारी में पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेल मंडल के अधिकारी और लोको पायलट परीक्षार्थियों के ठिकाने शामिल थे. इस पेपर लीक की घटना के बाद विभागीय परीक्षा को कैंसिल कर दिया गया है. हालांकि अभी परीक्षा की नई डेट की घोषणा नहीं की गई है कि अब दोबारा कब ये विभागीय प्रमोशन परीक्षा होगी.

एग्जाम पैटर्न क्या होता है?

भारतीय रेलवे लोको इंस्पेक्टर विभागीय परीक्षा सिलेबस में मुख्य रूप से रेलवे ऑपरेशन्स, सेफ्टी रेगुलेशन, लोकोमोटिव टेक्नोलॉजी, ट्रेन हैंडलिंग प्रक्रिया, दुर्घटना जांच, सामान्य रेलवे नियम और प्रशासनिक पहलुओं से संबंधित विषयों को शामिल किया जाता है. रेलवे ऑपरेशन्स और लोकोमोटिव टेक्नोलॉजी में विभिन्न प्रकार के इंजन (डीजल, इलेक्ट्रिक, स्टीम) और उनकी कार्य प्रणाली, लोको फॉल्ट डायग्नोसिस और उस समस्या का समाधान, विभिन्न इलाकों और मौसम स्थितियों में ट्रेन संचालन प्रक्रियाएं, पावर मैनेजमेंट और फ्यूल एफिसिएंसी, ब्रेक सिस्टम और उनके संचालन से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं.

वहीं, सेफ्टी रेगुलेशन में सामान्य एवं विशेष रेलवे नियम (G&SR), घाट सेक्शन नियम, ऑटोमैटिक सिग्नल क्षेत्र नियम, ब्लॉक वर्किंग मैनुअल, एक्सीडेंट मैनुअल, स्टेशन वर्किंग नियम और जरूरी सेफ्टी सर्कुलर से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं. इसके अलावा विभागीय परीक्षा में डिजास्टर मैनेजमेंट, वीआईपी मूवमेंट प्रोसिजर, क्रू काउंसलिंग एंड ट्रेनिंग और मैनपावर प्लानिंग से जुड़े सवाल भी पूछे जाते हैं.

कितनी मिलती है सैलरी?

रेलवे में चीफ लोको इंस्पेक्टर की सैलरी 50 हजार से 1 लाख 60 हजार रुपये महीना तक होती है, जबकि सीनियर चीफ लोको इंस्पेक्टर की सैलरी 60 हजार से 1 लाख 80 हजार रुपये महीना होती है. हालांकि लोको इंस्पेक्टर बनने के लिए पहले लोको पायलट के रूप में काम करना जरूरी होता है. इस पद पर कम से कम 5 साल काम करने के बाद ही विभागीय परीक्षा देकर लोको पायलट लोको इंस्पेक्टर बन सकते हैं.

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