प्राइवेट स्कूलों की तरह दिखेंगे सरकारी विद्यालय, हरियाणा में बदलेगी शिक्षा की तस्वीर

हरियाणा में सरकारी शिक्षा की तस्वीर जल्द ही बदली नजर आएगी. सरकारी स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों की तरह अपडेट किया जाएगा. इनमें आधुनिक सुविधाएं भी होंगीं और स्किल डेवलपमेंट के गुर भी सिखाए जाएंगे. हर जिले दो सरकारी मॉडल संस्कृत स्कूल खुलेंगे और मैथ ओलंपियाड और STEM लैब की व्यवस्था भी होगी.

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राज्य की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए 27 नए प्रस्तावों की घोषणा की है. यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के अनुरूप हांगे. इन बदलावों से राज्य के सरकारी स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को देश के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में शामिल करने के उद्देश्य से उठाया गया है. इसके अलावा उन्होंने अगले वित्तीय वर्ष में हर 10 किलोमीटर की दूरी पर 17 नए मॉडल संस्कृत स्कूल खोलने की घोषणा की है, जिससे दभवाली, नारनौल, नागल चौधरी, सिवानी, हिसार, भट्टू कलां, गुहला और पिहोवा जैसे क्षेत्रों के छात्रों को लाभ मिलेगा.

खेल और कौशल विकास को प्रोत्साहन

हर जिले में दो सरकारी मॉडल संस्कृत स्कूलों को खेलों और कौशल विकास के केंद्रों के रूप में विकसित किया जाएगा. इसके अलावा, हर जिले में एक सरकारी कॉलेज को मॉडल संस्कृत कॉलेज के रूप में परिवर्तित किया जाएगा, जहां उच्च शिक्षा की बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.

डबल शिफ्ट स्कूल होंगे सिंगल शिफ्ट

अंबाला, कैथल, कुरुक्षेत्र, फतेहाबाद, चरखी दादरी और महेंद्रगढ़ में डबल शिफ्ट में चल रहे 12 सरकारी स्कूलों को आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास के बाद सिंगल शिफ्ट में बदला जाएगा. यदि यह योजना सफल रहती है, तो 2026-27 में अन्य जिलों के डबल शिफ्ट स्कूलों को भी इस योजना में शामिल किया जाएगा.

STEM लैब और मैथ ओलंपियाड

राज्य के 615 सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में विज्ञान, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथमेटिक्स (STEM) लैब स्थापित की जाएंगी. यहां कक्षा 12 तक के छात्रों को रोबोटिक्स, 3D प्रिंटिंग और AI जैसी आधुनिक तकनीकें सिखाई जाएंगी. इसके अलावा, गणितीय सोच को बढ़ावा देने के लिए ‘हरियाणा मैथ ओलंपियाड’ शुरू किया जाएगा, जिसमें कक्षा 10 से 12 तक के सरकारी और निजी स्कूलों के छात्र भाग ले सकेंगे.

प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को क्रमश: ₹1 लाख, ₹51,000 और ₹25,000 का पुरस्कार मिलेगा, जबकि चौथे से 100वें स्थान तक के छात्रों को ₹10,000 का सम्मान दिया जाएगा.

तकनीकी संस्थानों की यात्रा

कक्षा 6 से 12 तक के होनहार छात्रों को इसरो, DRDO और भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर जैसे प्रमुख तकनीकी संस्थानों का भ्रमण कराया जाएगा. इससे छात्रों को विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में प्रेरणा मिलेगी.

तीसरी भाषा और स्टार्टअप्स को बढ़ावा

सत्र 2025-26 से कक्षा 9 और 10 के छात्रों के लिए पाठ्यक्रम में तीसरी भाषा को जोड़ा जाएगा. साथ ही, छात्रों को अपने स्टार्टअप्स शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से हर जिले में एंटरप्रेन्योरशिप प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी. चयनित टीमों को अपने आइडिया को बिजनेस मॉडल में बदलने के लिए ₹1 लाख की आर्थिक सहायता दी जाएगी.

सुरक्षा और अनुशासन

स्कूल, मॉडल संस्कृत स्कूल और क्लस्टर स्कूलों सहित 1,497 सरकारी स्कूलों में CCTV कैमरे लगाए जाएंगे. इसके अतिरिक्त, सभी विभागों के प्रथम और द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों को महीने में एक बार किसी सरकारी स्कूल का दौरा कर छात्रों से संवाद करने के निर्देश दिए गए हैं.

पॉलिटेक्निक संस्थानों को प्रोत्साहन

हरियाणा सरकार पॉलिटेक्निक संस्थानों में प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करने के लिए एक पुरस्कार योजना शुरू करेगी. प्लेसमेंट रिकॉर्ड, परीक्षा परिणाम, मशीनरी की उपलब्धता, स्टाफ स्थिति और खेल गतिविधियों जैसे मापदंडों के आधार पर टॉप 3 संस्थानों को ₹50 लाख, ₹25 लाख और ₹10 लाख के पुरस्कार दिए जाएंगे.

उद्योग-शिक्षा सहयोग

युवाओं की रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में उद्योग-अकादमिक साझेदारी अनिवार्य की जाएगी. कम से कम 10% पाठ्यक्रमों को ‘Earn While Learn’ मॉडल में परिवर्तित किया जाएगा, जिसमें छात्रों को उद्योगों के साथ प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. इस योजना के तहत चयनित छात्रों को हर महीने ₹6,000 का मानदेय मिलेगा. इसके लिए ₹36 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है.

अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएं

करनाल के नीलोखेड़ी और सिरसा के पन्नीवाला मोटा स्थित दो इंजीनियरिंग संस्थानों को हरियाणा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (HIT) के रूप में अपग्रेड किया जाएगा. ‘मुख्यमंत्री युवा कौशल सम्मान योजना’ के तहत राज्य के 2,000 फाइनल ईयर ग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट छात्रों को प्रतिष्ठित उद्योगों और कंपनियों में इंटर्नशिप का मौका मिलेगा, जिसके दौरान उन्हें ₹10,000 प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा.

इन नई योजनाओं और प्रस्तावों के माध्यम से हरियाणा सरकार का लक्ष्य शिक्षा प्रणाली को सशक्त बनाना है, जिससे राज्य के छात्र वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें और देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें.

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