नर्मदापुरम पिपरिया के शहीद भगत सिंह कॉलेज में चपरासी के द्वारा आंसर शीट्स की जांच करने का मामला सामने आया था. कॉलेज में एक चपरासी ने बीए हिंदी की आंसर शीट्स चेक की थी इसके एवज में चपरासी को 5000 रुपये दिए गए थे. मामले के सामने आने के बाद अब मंत्री विश्वास सारंग ने कहा है कि यह अक्षम्य अपराध है. उन्होंने बताया कि संबंधित प्रिंसिपल, नोडल अधिकारी, प्रोफेसर और चपरासी पर भी कार्रवाई की गई है. इस तरह की घटनाएं सामने न आएं इसके लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं.
दरअसल 31 जनवरी को एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इस वीडियो में यह दावा किया गया था कि कॉलेज में पदस्थ चपरासी पन्नालाल पठारिया कॉपियां जांच रहा है. इस मामले में कॉलेज के विद्यार्थियों ने आपत्ति जताई थी. वायरल वीडियो पर कार्रवाई की मांग को लेकर छात्र प्रभारी प्रिंसिपल राकेश वर्मा के पास पहुंचे थे. प्राचार्य वर्मा ने इस मामले में कुछ भी स्पष्ट नहीं होने और पीड़ित के शिकायत करने पर कार्रवाई की बात कही थी.
जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया. छात्रों ने स्थानीय विधायक ठाकुरदास नागवंशी को ज्ञापन सोंपा जिसके बाद में मामले की जांच उच्च शिक्षा विभाग ने की. उच्च शिक्षा विभाग की जांच कमेटी की रिपोर्ट में मूल्यांकन कार्य में गंभीर लापरवाही पर मूल्यांकन कार्य प्रभारी नोडल अधिकारी डॉक्टर रामगुलाम पटेल और प्रभारी प्राचार्य डॉक्टर राजेश वर्मा को निलंबित कर दिया.
मंत्री विश्वास सारंग ने क्या कहा?
नर्मदापुरम जिले के पिपरिया में पीजी कॉलेज की कॉपियां चपरासी द्वारा चेक करने के मामले पर मंत्री विश्वास सारंग ने कहा है कि निश्चित रूप से यह अक्षम्य अपराध है. उन्होंने कहा कि प्रिंसिपल और नोडल अधिकारी को सस्पेंड किया गया है. शामिल प्रोफेसर और चपरासी पर भी कार्रवाई की गई है. आगे से इस तरह के मामले सामने न आएं इसके लिए भी निर्देश दिये गए हैं. उच्च शिक्षा की गुणवत्ता के लिये सरकार लगातार काम कर रही है.