प्राइमरी टीचर्स को करना होगा ये जरूरी कोर्स, नहीं तो जा सकती है नौकरी… जानें पूरी डिटेल

नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन यानी NCTE ने इन-सर्विस प्राइमरी स्कूल टीचर्स के लिए एक छह महीने का सर्टिफिकेट कोर्स (ब्रिज कोर्स) अनिवार्य कर दिया है. यह कोर्स उन टीचर्स के लिए होगा जिनके पास बैचलर ऑफ एजुकेशन यानी B.Ed की डिग्री पहले से ही है. यह कदम सुप्रीम कोर्ट के 28 नवंबर 2023 के निर्देश के तहत उठाया गया है, जिसमें प्राइमरी टीचर्स के रिक्रूटमेंट के क्राइटेरिया का निर्धारण किया गया था.

यह कोर्स एक बार होगा और इसे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग यानी NIOS द्वारा आयोजित किया जाएगा जो कि ऑनलाइन और डिस्टेंस लर्निंग (ODL) मोड में टीचर्स के लिए उपलब्द रहेगा. शिक्षा मंत्रालय पहले ही NCTE द्वारा प्रस्तावित कोर्स संरचना को मंजूरी दे चुका है. टीचर्स को यह ब्रिज कोर्स एक साल के अंदर ही पूरा करना होगा अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार उन टीचर्स की नियुक्ति रद्द कर दी जाएगी.

कौन-कौन कर सकता है ये ब्रिज कोर्स?

ब्रिज कोर्स केवल एक विशेष श्रेणी के इन-सर्विस टीचर्स के लिए लागू है. इसके लिए वह टीचर्स योग्य हैं जिनके पास पहले से ही B.Ed डिग्री है. जिन टीचर्स की 28 जून 2018 से 28 नवंबर 2023 के बीच प्राइमरी स्कूलों में नियुक्ति की गई है. टीचर्स की नियुक्ति NCTE के 28 जून 2018 की अधिसूचना के तहत की गई हो और सुप्रीम कोर्ट के 28 नवंबर 2023 के फैसले से पहले सेवा में रहे हों.

इस श्रेणी से बाहर कोई भी उम्मीदवार इस कोर्स को करने के लिए पात्र नहीं होगा. NCTE और NIOS द्वारा एक सख्त तंत्र स्थापित किया जाएगा. केवल योग्य उम्मीदवार जो 8 अप्रैल 2024 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार हों. कोर्स के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे और इसे पूरा कर सकेंगे.

NCTE का 6 महीने का ब्रिज कोर्स

यह प्रमाणपत्र केवल उन टीचर्स के लिए वैध रहेगा जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत वर्तमान में सेवा में हैं. आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यह प्रमाणपत्र भविष्य में किसी भी नए भर्ती के लिए उपयोगी नहीं होगा.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, NCTE ने इस कोर्स की व्यापक प्रचार-प्रसार की योजना बनाई है और इसका संचालन करने के लिए आवश्यक अनुमतियों को प्राप्त करने की प्रक्रिया में है. परिषद कोर्स की शुरुआत के लिए ऑपरेशनल तंत्र को अंतिम रूप दे रही है.