बिहार सरकार ने इस एकेडमिक ईयर से स्कूलों में एक अहम बदलाव करने जा रही है जिससे बच्चे स्कूलों में पढ़ाई के साथ-साथ नैतिकता भी सीखेंगे. इसके लिए सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है. इस एकेडमिक ईयर से बच्चों को प्रार्थना के साथ अब मोरल एजुकेशन भी दी जाएगी. इस मोरल एजुकेशन को बच्चों के ग्रेड के हिसाब से बदला जाएगा और सभी ग्रेड के स्कूली बच्चों को इस तरह की शिक्षा दी जाएगी.
बिहार सरकार ने अब बच्चों को नैतिकता सिखाने का जिम्मा उठाया है. वैसे तो यह हर स्कूल में आम होता है लेकिन इसे लेकर बिहार सरकार ने कुछ सकारात्मक कदम उठाए हैं. शिक्षा विभाग की ओर से जारी की गई जानकारी के अनुसार बच्चों को मॉर्निंग प्रेयर के समय ये शिक्षाएं दी जाएंगी. इस इनिशिएटिव में प्राइमरी, सेकंडरी और हायर सेकंडरी के छात्र-छात्राएं मॉर्निंग प्रेयर्स के दौरान मोरल एजुकेशन सीखेंगे.
जल्द जारी होंगी गाइडलाइन्स
शिक्षा विभाग जल्द ही इस मोरल एजुकेशन के लिए गाइडलाइंस जारी करेगा. मोरल एजुकेशन के शिक्षा विभाग एक बुकलेट भी तैयार कर रहा है जिसमें मोरल एजुकेशन के key principles भी दिए जाएंगे जिन्हें छात्रों को पढ़ाया जाएगा. शिक्षा विभाग ने इस बात पर जोर दिया है कि मोरल एजुकेशन मॉर्निंग असेंबली के वक्त प्राथमिकता के साथ सिखाई जाएगी. विभाग सरकारी स्कूलों में सामुदायिक भागीदारी को भी प्रोत्साहित कर रहा है.
क्या-क्या सिखाया जाएगा?
मोरल शिक्षा के दौरान बच्चों को ईमानदारी, सम्मान, सहानुभूति, न्याय और जिम्मेदारी जैसी जरूरी बातों को सिखाया जाएगा. इस शिक्षा का उद्देश्य छात्रों को इन मूल्यों को अपनाने और अपने चरित्र को और भी मजबूत बनाने के लिए प्रेरित करना है. साथ ही बच्चे गलत और सही के बीच अंतर कर सकें यह भी जरूरी है. मोरल एजुकेशन से छात्रों में अनुशासन, धैर्य और बेहतर व्यवहार को बढ़ाया जाएगा. इससे बच्चों में समाज के प्रति जिम्मेदारी भी बढ़ेगी.