हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी 13,000 करोड़ के पंजाब नेशनल बैंक यानी PNB घोटाले का मुख्य आरोपी है. उसे बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया है. उसे जल्द ही भारत लाया जा सकता है. भारतीय जांच एजेंसियों के लिए इसे एक बड़ी सफलता माना जा रहा है. चोकसी 2018 में ही देश छोड़कर भाग गया था. चोकसी की एजुकेशन, करियर को देखा जाए तो उससे पता चलता है कि आखिर कैसे एक साधारण सा लड़का इतना बड़ा हीरा व्यापारी और फिर भगोड़ा कैसे बन गया?
मेहुल चोकसी का जन्म 5 मई 1959 को मुंबई में हुआ था. उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा गुजरात के पालनपुर के G.D. मोदी कॉलेज से हासिल की. मेहुल का ऐसा कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं है जिसमें पता चले की उन्होंने हायर एजुकेशन हासिल की है. उनकी शैक्षिक पृष्ठभूमि सिर्फ इस ग्रेजुएशन तक सीमित है. हालांकि उन्होंने अपने पारिवारिक व्यापार में काम करने के दौरान जो अनुभव प्राप्त किया वह उनके व्यवसायिक रास्ते में काफी मददगार साबित हुआ.
हीरे की दुनिया में कदम
1975 में मेहुल चोकसी ने अपने पिता चिनुभाई चोकसी के हीरे के व्यापार में कदम रखा. हीरे की सोर्सिंग, पॉलिशिंग और ट्रेडिंग में उन्होंने व्यावहारिक एक्सपीरियंस हासिल किया. जो उनके भविष्य के व्यापारिक निर्णयों में महत्वपूर्ण साबित हुआ. 1985 में उन्होंने अपने व्यापार की जिम्मेदारी संभाली और इसे गितांजलि जेम्स के नाम से फिर से ब्रांडिंग किया. उनके नेतृत्व में कंपनी ने अपने प्रारंभिक ध्यान को केवल कच्चे और पॉलिश्ड हीरे तक सीमित न रखते हुए, इसे वैश्विक आभूषण निर्माण का एक बड़ा नाम बना लिया.
वैश्विक विस्तार और गिरावट
चोकसी ने भारत के बाहर विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका में व्यापार विस्तार किया. वहां उन्होंने Samuels Jewelers और Voyager Brands जैसी कंपनियों में निवेश किया, जो गितांजलि ग्रुप के वैश्विक संचालन का हिस्सा बन गईं. हालांकि इन कंपनियों को बाद में फाइनेंशियल गड़बड़ियों के चलते जांच का सामना करना पड़ा. Samuels Jewelers को एक अमेरिकी दिवालियापन अदालत द्वारा जांचा गया. इन पर आरोप लगा कि कंपनी ने लैब-ग्रोन हीरे को प्राकृतिक हीरे के रूप में प्रस्तुत किया था.