5 साल तक यूनिफॉर्म नहीं बदल सकते स्कूल… पैरेंट्स की शिकायत पर गाजियाबाद में बड़ा फैसला

स्कूलों में लगातार बदली जा रही यूनिफॉर्म और कॉपी किताबों की लगातार बढ़ रही लागत की शिकायतों पर गाजियाबाद में बड़ा फैसला लिया गया है. शिक्षा विभाग के नए आदेश के मुताबिक अब पांच साल तक स्कूल यूनिफॉर्म में बदलाव नहीं कर पाएंगे. अगर किसी स्कूल को यूनिफॉर्म बदलनी है तो उसे उचित कारणों के साथ डीएफआरसी यानी जिला शुल्क विनियामक समिति से मंजूरी लेनी होगी.

गाजियाबाद शिक्षा विभाग को लगातार अभिभावकों की ओर से शिकायतें मिल रही थीं स्कूलों द्वारा हर साल स्कूल की यूनिफॉर्म बदल दी जाती है, इसके अलावा स्टेशनरी किसी विशेष दुकान से लेने के लिए बाध्य किया जाता है जो मनमाने दाम वसूलता है.इन शिकायतों को देखते हुए गाजियाबाद शिक्षा विभाग ने आदेश दिया है कि कोई भी स्कूल पांच साल तक न तो यूनिफॉर्म बदल सकता है और न ही किसी एक दुकान से स्टेशनरी खरीदने के लिए दबाव बना सकता है.

शहर के स्कूलों का किया जाएगा निरीक्षण

विभाग ने निर्णय लिया है कि जिले के सभी 160 निजी स्कूलों का निरीक्षण किया जाएगा और ये तय किया जाएगा कि वे नियमों का पालन सुनिश्चित करें.जिला विद्यालय निरीक्षक धर्मेन्द्र सिंह ने कहा कि अब तक जिले में सिर्फ एक दर्जन स्कूलों ने फीस बढ़ोतरी के बारे में जानकारी दी है. अधिकारियों की एक टीम बनाकर सभी स्कूलों की जांच कराई जाएगी. अगले दो सप्ताह में यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी.

फीस स्ट्रक्चर अपलोड करना होगा

आदेश में यह भी कहा गया है कि सभी स्कूलों को वेबसाइट पर फीस स्ट्रक्चर को अपलोड करना होगा. शैक्षणिक सत्र शुरू होने से कम से 60 दिन पहले ऐसा करना अनिवार्य होगा. इस नियम में किसी भी तरह की हीला हवाली पर कार्रवाई की जाएगी.

नोएडा में लगाया गया था जुर्माना

नोएडा में अभी हाल ही में मनमानी फीस बढ़ाने पर नोएडा जिला शुल्क विनियानमक समिति यानी DFRC ने 66 स्कूलों पर 1 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया था, इसके अलावा मनमानी दुकान से स्टेशनरी खरीदने के दबाव डालने वाले स्कूलों को ऐसा न करने की चेतावनी भी दी थी.

वेतन के हिसाब से बढ़ा सकते हैं फीस

यूपी स्ववित्त पोषित स्वतंत्र विद्यालय अधिनियम 2019 की धारा 4 (1) के अनुसार स्कूलों के लिए नियम है कि वह शिक्षकों के औसत वेतन में हुई बढ़ोतरी के आधार पर अपनी फीस बढ़ा सकते हैं, हालांकि यह पिछले सत्र में ली गई फीस से 5 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती है.