चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय को मिली भारत सरकार से IPR चेयर, छात्रों और स्टार्टअप्स को मिलेगा फायदा

चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी (CCSU), मेरठ को भारत सरकार की ओर से एक बड़ी अचीवमेंट मिली है. मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के तहत काम करने वाले इंडस्ट्रियल पॉलिसी और प्रमोशन डिपार्टमेंट (DPIIT) ने SPRIHA योजना के अंतर्गत यूनिवर्सिटी को इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स (IPR) चेयर की स्वीकृति दी है.

यह एक ऐसा पद होता है जो यूनिवर्सिटी में इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी से जुड़ी एजुकेशन और रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए बनाया जाता है. इस उपलब्धि से CCSU को उत्तर प्रदेश के स्टेट यूनिवर्सिटीज में एक अलग पहचान मिली है.

आईपीआर चेयर के अंतर्गत क्या-क्या होगा

इस योजना के तहत यूनिवर्सिटी में एक IPR चेयर प्रोफेसर की नियुक्ति की जाएगी, जिन्हें हर महीने ₹1,00,000 का भुगतान किया जाएगा. इसके साथ ही दो रिसर्च असिस्टेंट भी नियुक्त किए जाएंगे, जिन्हें अधिकतम ₹50,000 पर मंथ दिए जाएंगे. इसके अलावा एक पीएच.डी. फेलो को रिसर्च के लिए पांच वर्षों तक फेलोशिप दी जाएगी.

इस योजना में हर साल लगभग ₹5 लाख रुपये का अमाउंट सेमिनार, वर्कशॉप, ट्रैवल अलाउंसेस और बुक्स की खरीद पर खर्च की जाएगी. इससे यूनिवर्सिटी में रिसर्च और इनोवेशन से जुड़ी एक्टिविटीज तेज होंगी.

छात्रों और स्टार्टअप्स के लिए नए अवसर

कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने बताया कि इस चेयर के माध्यम से छात्रों को पेटेंट, ट्रेडमार्क, कॉपीराइट जैसे इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स की जानकारी दी जाएगी. इससे उन्हें अपने आइडिया और अविष्कार को सुरक्षित करने में मदद मिलेगी. स्टार्टअप शुरू करने वाले युवाओं के लिए भी यह चेयर बहुत उपयोगी साबित होगी.

युवा अपने इनोवेशन को पेटेंट करवा पाएंगे और लीगल प्रोटेक्शन भी मिलेगी. इसके साथ ही यूनिवर्सिटी में रेगुलरली IPR से जुड़े ट्रेनिंग प्रोग्राम, सेमिनार और वर्कशॉप भी आयोजित किए जाएंगे.

रिसर्च के लिए सुनहरा मौका

इस चेयर की मदद से यूनिवर्सिटी में रिसर्च प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा मिलेगा. रिसर्च करने वाले छात्रों को गाइडेंस मिलेगा और उन्हें रिसर्च के लिए आर्थिक सहयोग भी दिया जाएगा. यह उन छात्रों के लिए खास मौका है जो इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी, लॉ, टेक्नोलॉजी ऑर इनोवेशन से जुड़े विषयों में रिसर्च करना चाहते हैं.

प्रदेश का पहला और अकेला यूनिवर्सिटी

सबसे खास बात यह है कि उत्तर प्रदेश में यह IPR चेयर किसी भी राज्य यूनिवर्सिटी को पहली बार मिली है और CCSU इस मामले में सबसे आगे निकल गया है. यह न केवल यूनिवर्सिटी के लिए गर्व की बात है बल्कि प्रदेश के छात्रों के लिए भी एक ऐसा मौका है जो उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ एम्प्लॉयमेंट, स्टार्टअप्स और रिसर्च के नए रास्तों की ओर ले जाएगा.

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