गुजरात के आदिवासी बहुल तापी ज़िले के स्कूलों में छात्रों और कुछ मामलों में शिक्षकों द्वारा कथित रूप से एक विशेष धर्म के प्रचार की खबरों के बाद ज़िला प्रशासन ने सख़्त रुख अपनाया है ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाने के निर्देश जारी किए हैं.
प्रशासन को सोशल मीडिया और विभिन्न संगठनों से प्राप्त शिकायतों और अर्जियों में बताया गया कि जिले के कुछ प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में धार्मिक प्रचार-प्रसार हो रहा है. इन शिकायतों में कहा गया कि कुछ छात्र और शिक्षक स्कूलों में एक खास धर्म का प्रचार कर रहे हैं.
डीएम ने दिए जांच के आदेश
इस मामले का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी विपिन गर्ग ने 16 अप्रैल को एक परिपत्र जारी कर जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) और जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी (DPEO) को निर्देश दिया कि वे स्कूलों में चल रही कथित अवैध धार्मिक गतिविधियों की जांच करें और आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें.
स्कूल में न हों धार्मिक गतिविधियां
जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि अब तक प्रशासन के पास धर्मांतरण से जुड़ी कोई प्रत्यक्ष शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, लेकिन सावधानी के तौर पर सभी विद्यालयों को निर्देशित किया गया है कि वे सुनिश्चित करें कि छात्रों को किसी विशेष धर्म की प्रार्थना, भजन या धार्मिक पुस्तकों के अध्ययन जैसी गतिविधियों में शामिल न किया जाए.
DEO ने तलब की रिपोर्ट
डीईओ धारा पटेल ने बताया कि इस विषय में जिलाधिकारी ने रिपोर्ट भी तलब की है, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि किस स्तर तक ऐसी गतिविधियां हो रही हैं और उन पर क्या कदम उठाए गए हैं. इस पूरी कार्यवाही का उद्देश्य विद्यालयों को धार्मिक गतिविधियों से मुक्त रखना और छात्रों की शिक्षा को धर्मनिरपेक्ष वातावरण में सुनिश्चित करना है.