शिक्षा के लिए एक स्कूल और टीचर की जगह लगन और जज्बा ज्यादा जरूरी है. जी हां, इस बात को उत्तर प्रदेश के जेलों में बंद दर्जनों कैदियों ने साबित किया है. जेल की चार दीवारी के पीछे तालीम ले रहे कैदी जिनके पास पढ़ने के लिए न तो जरूरी संसाधन हैं न ही पढ़ाने वाले टीचर्स. इसके बावजूद इन कैदियों ने यूपी बोर्ड के एग्जाम में शानदार प्रदर्शन किया है.
जी हां, यूपी बोर्ड के नतीजों में हाईस्कूल और इंटर में पास प्रतिशत जेल में बंद कैदियों का ज्यादा रहा है. उत्तर प्रदेश शिक्षा बोर्ड ने शुक्रवार को 10वीं और 12वीं के परीक्षा परिणाम घोषित किए हैं. इन परिणामों पर नजर डालें तो इनमें हाईस्कूल का पास प्रतिशत 90.11 रहा है जबकि 12वीं का पास प्रतिशत 81.15 प्रतिशत रहा है. वहीं अगर जेल में बंद कैदियों की बात करें तो हाईस्कूल के नतीजों में इनका पास प्रतिशत 96.81 रहा है जबकि इंटर में 86.67 प्रतिशत रहा है.
इसका मतलब है कि अगर प्रतिशत में देखा जाए तो कैदियों ने ज्यादा बेहतर प्रदर्शन किया है. जेल में बंद 10वीं के कैदियों का पास प्रतिशत स्कूलों की तुलना में 6.70 प्रतिशत ज्यादा रहा है जबकि 12वीं के कैदियों का पास प्रतिशत 5.50 प्रतिशत ज्यादा रहा है.
आगरा के कैदी पढ़ाई में आगे
उत्तर प्रदेश के जेलों में बंद कैदियों ने भी इस बार अपनी पढ़ाई-लिखाई का लोहा मनवा रहे हैं जो कि हमें यूपी बोर्ड के नतीजों में देखने को मिला है. यूपी बोर्ड की परीक्षा में इस बार प्रदेश की 32 जेलों से हाई स्कूल में 94 और इंटर में 105 कैदियों का रजिस्ट्रेशन हुआ था. इस परीक्षा में हाई स्कूल में 91 और इंटर में 105 कैदियों ने एग्जाम दिए थे. आगरा जिले की बात करें तो यहां से कुल 33 कैदी पास हुए हैं. इनमें 17 दसवीं और 16 इंटर में पास हुए हैं.