NEET UG 2025: पुलिस सिक्योरिटी में क्वेश्चन पेपर, हर हरकत पर नजर… इस बार नहीं होगी गलती की गुंजाइश

नीट-यूजी परीक्षा को सुरक्षित और निष्पक्ष बनाने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने पूरे देश में तैयारियां शुरू कर दी हैं. मंत्रालय सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ लगातार बैठकें कर रहा है ताकि परीक्षा के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो.

नीट-यूजी 2025 की परीक्षा 4 मई को आयोजित की जाएगी और इसमें देश भर के 550 से अधिक शहरों और 5,000 से ज्यादा परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थी शामिल होंगे. पिछली बार नीट-यूजी परीक्षा में क्वेश्चन पेपर लीक जैसी घटनाएं सामने आई थीं, जिसके चलते इस बार पूरी तैयारी के साथ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं.

पुलिस का विशेष सहयोग

परीक्षा में क्वेश्चन पेपर और ओएमआर शीट जैसी कॉन्फिडेंशियल मटेरियल का ट्रांसपोर्टेशन इस बार पुलिस सुरक्षा में किया जाएगा. प्रत्येक जिले में कोऑर्डिनेशन कमेटी को एक्टिव किया गया है जो मटेरियल के ट्रांसपोर्ट और सुरक्षा का पूरा ध्यान रखेंगी. एग्जामिनेशन सेंटरों पर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा तय सिक्योरिटी सिस्टम के अलावा स्थानीय जिला पुलिस द्वारा भी मल्टीपल लेवल पर तलाशी ली जाएगी.

कोचिंग सेंटर्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की निगरानी

सरकार ने इस बार ऑर्गनाइज्ड फ्रॉड नेटवर्क को रोकने के लिए कोचिंग संस्थानों और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर भी सख्त निगरानी रखने का फैसला किया है. पिछले अनुभवों को देखते हुए अब कोचिंग सेंटरों की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी ताकि कोई भी अनैतिक एक्टिविटी समय रहते पकड़ी जा सके.

ड्यूटी मजिस्ट्रेटों को सभी एग्जामिनेशन सेंटरों के निरीक्षण की जिम्मेदारी दी गई है और जिलाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक व्यक्तिगत रूप से केंद्रों का दौरा कर तैयारियों का आकलन करेंगे.

पिछले वर्ष की घटनाओं से सबक

पिछले साल नीट-यूजी के अलावा पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम नेट और यूजीसी-नेट जैसी जरूरी एग्जामों में भी कई गड़बड़ी सामने आई थीं. नीट-यूजी में क्वेश्चन पेपर लीक की घटनाओं के बाद और यूजीसी-नेट परीक्षा में शुचिता से समझौते के कारण सरकार ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की कार्यप्रणाली की रिव्यू के लिए एक कमेटी बनाई थी.

इन मामलों की जांच अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा की जा रही है. इसके अलावा सीएसआईआर-यूजीसी नेट और नीट-पीजी जैसी एग्जामों को भी एहतियातन अंतिम समय पर रद्द करना पड़ा था. इस बार सरकार और एनटीए किसी भी गलती की गुंजाइश नहीं छोड़ना चाहते हैं और एग्जाम को पूरी तरह ट्रांसपेरेंट और सिक्योर बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं.

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