भारत में टेक्नोलॉजी के एरिया में लगातार प्रगति हो रही है. इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT), बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) ने अमेरिका के Saras AI Institute के साथ समझौता किया है. Saras AI Institute दुनिया का पहला ऐसा इंस्टिट्यूशन है जो पूरी तरह से ऑनलाइन तरीके से केवल AI एजुकेशन पर केंद्रित है और डिग्री भी देता है.
इस समझौते से भारत के छात्रों को ग्लोबल लेवल की AI एजुकेशन का सीधा फायदा मिलेगा. इस समझौते के तहत IIT BHU के सभी अंडरग्रेजुएट छात्रों को AI सीखने का मौका मिलेगा, चाहे उनका सब्जेक्ट इंजीनियरिंग हो, साइंस हो, ह्यूमेनिटीज या सोशल साइंसेज. AI को अब केवल कंप्यूटर साइंस तक सीमित नहीं रखा जाएगा.
Saras AI Institute का 8 सप्ताह का कोर्स Powers of AI को एक ओपन इलेक्टिव की तरह शुरू किया जा रहा है, जिसे कोई भी छात्र अपनी पढ़ाई के दौरान चुन सकता है.
थ्योरी से ज्यादा होगा प्रैक्टिकल पर फोकस
इस साझेदारी का मकसद केवल AI की किताबों की पढ़ाई नहीं, बल्कि उसके असली दुनिया में प्रयोग को समझाना है. कोर्स डिजाइन इस तरह की गई है कि छात्र AI टूल्स और टेक्नोलॉजी को स्वयं इस्तेमाल कर सकें और यह जान सकें कि अलग-अलग एरिया में यह कैसे मददगार हो सकती है. इससे छात्र भविष्य की नौकरियों और स्टार्टअप के लिए अधिक तैयार हो पाएंगे.
AI Evaluator टूल से पढ़ाई होगी स्मार्ट और असरदार
IIT BHU और Saras AI Institute मिलकर एक नया टूल तैयार करेंगे जिसे AI Evaluator नाम दिया गया है. यह एक एडवांस AI सिस्टम होगा जो छात्रों की पढ़ाई और प्रदर्शन का रियल-टाइम असेसमेंट करेगा. इससे छात्रों को यह तुरंत पता चल सकेगा कि उन्होंने क्या सीखा और कहां सुधार की जरूरत है.
शिक्षकों के लिए भी यह टूल फीडबैक और ग्रेडिंग के प्रोसेस को आसान बना देगा. यह कदम डिजिटल एजुकेशन को और भी प्रभावशाली बनाएगा.
AI Minor, Associate Degree और सर्टिफिकेशन के नए ऑप्शन
इस समझौते के जरिए अब छात्र Associate Degree प्राप्त कर सकते हैं और साथ ही साथ इंडस्ट्री रिकगनाइज्ड सर्टिफिकेट कोर्स भी कर सकते हैं. ये कोर्स इस तरह से डिजाइन किए जाएंगे कि छात्र उन्हें अपनी मेन पढ़ाई के साथ-साथ कर सकें.
हैकाथॉन, वर्कशॉप और रिसर्च के मौके भी
AI केवल सब्जेक्ट नहीं, बल्कि प्रयोग और इनोवेशन का एरिया है. Saras और IIT BHU मिलकर छात्रों के लिए AI हैकाथॉन, वर्कशॉप, गेस्ट लेक्चर और रिसर्च प्रोजेक्ट्स का आयोजन भी करेंगे. इससे छात्रों को इंडस्ट्री के जानकारों से सीखने और अपने विचारों को जमीन पर उतारने का मौका मिलेगा. यह छात्रों की सोच और टेक्नोलॉजी की समझ को और मजबूत बनाएगा.
भारत में डिजिटल इंडिया और विकसित भारत 2047 जैसे बड़े अभियान चल रहे हैं. इस समझौते के माध्यम से उन अभियानों को टेक्नोलॉजी और अकैडेमिक मजबूती मिलेगी. हर छात्र को AI की जानकारी और स्किल मिलने से भारत न केवल आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि ग्लोबल लेवल पर भी एक टेक्नोलॉजी लीडर के रूप में उभरेगा.
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