शिक्षा को लूट का साधन नहीं बनने देंगे, पेरेंट्स के साथ हो रहा था अन्याय… सीएम रेखा गुप्ता

प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस बढ़ोतरी पर नकेल कसने के लिए दिल्ली स्कूल एजुकेशन ट्रांसपेरेंसी इन फिक्सेशन एंड रेगुलेशन ऑफ फीस-2025 के रूप में दिल्ली सरकार जो ऐतिहासिक बिल लेकर आई है, उसके लिए दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और शिक्षा मंत्री आशीष सूद का आभार व्यक्त करने के लिए आज दिल्ली सचिवालय में दिल्ली के विभिन्न प्राइवेट स्कूलों में पढ़े रहे छात्रों के सैकड़ों अभिभावक पहुंचे.

इस दौरान अभिभावकों ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मिलकर के उन्हें स्कूलों की मनमानी फीस बढ़ोतरी को रोकने के लिए बिल लाने के लिए बधाई दी. अभिभावकों ने कहा कि मात्र दो महीने पुरानी सरकार ने दिल्ली वालों के लिए जो कदम उठाया है वह सराहनीय हैं. सचिवालय में पैरेंट्स को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने भरोसा दिया कि हमारी सरकार राजधानी के स्कूलों में पढ़ने वाले किसी भी बच्चे के साथ नाइंसाफी नहीं होने देगी, यदि किसी छात्र और पैरेंट्स को कोई स्कूल फीस संबंधित मामले में प्रताड़ित करता है तो वह सीधे सीएम और शिक्षा मंत्री से शिकायत कर सकते हैं.

‘सरकार का ऐतिहासिक और निर्णायक कदम’

अभिवावकों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा लाया गया दिल्ली स्कूल एजुकेशन (ट्रांसपेरेंसी इन फिक्सेशन एंड रेगुलेशन ऑफ फीस)-2025 बिल हमारी सरकार का ऐतिहासिक और निर्णायक कदम है. उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 27 सालों से दिल्ली के अभिभावकों के साथ प्राइवेट स्कूल मनमानी फीस बढ़ाकर अन्याय कर रहे थे, लेकिन पिछली सरकारों के पास ऐसा कोई स्पष्ट कानून या दिशा-निर्देश ही नहीं था, जिससे मनमानी फीस पर लगाम लगाई जा सके.

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि जब अभिभावकों की आवाज हमारी सरकार तक पहुंची, तब हमने इस बात को बड़ी गंभीरता से लिया. दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के सत्ता में आने के मात्र दो महीने के भीतर ही शिक्षा मंत्री जी के नेतृत्व में एक मजबूत और न्यायसंगत अधिनियम का मसौदा तैयार कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से दिल्ली के सभी 1677 निजी स्कूलों की फीस को अब पारदर्शी तरीके से नियंत्रित किया जा सकता है. अब प्राइवेट स्कूलों में फीस तय करने की प्रक्रिया में अभिभावकों, स्कूल प्रबंधन और अन्य हितधारकों की सहभागिता अनिवार्य होगी.

‘विधानसभा का सत्र बुलाकर पास कराएंगे बिल’

मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि सरकार जो नए 65 सीएमश्री स्कूल बनाने जा रही है, उससे दिल्ली सरकार के सरकारी स्कूल इतने बेहतर और आधुनिक शिक्षा व्यवस्था देने में सक्षम हो जाएंगे कि लोग निजी स्कूलों को छोड़कर दिल्ली सरकार के सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों को दाखिला दिलाने को प्राथमिकता देंगे. उन्होंने कहा कि हम दिल्ली सरकार के स्कूलों को इस रूप में विकसित करेंगे कि अभिभावक गर्व से अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ने के लिए भेजेंगे. सीएम ने बताया कि जल्द ही विधानसभा का सत्र बुलाकर इस विधेयक को पास करवाया जाएगा और इस विधेयक के लागू होने के बाद दिल्ली के सभी अभिभावक को मानमानी फीस बढ़ोतरी से मुक्ति मिल जाएगी.

‘AAP ने शिक्षा को सिर्फ एक राजनीतिक मंच बनाया’

वहीं संवाद कार्यक्रम में दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि हमारी सरकार ने मात्र दो महीनों के छोटे से कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में जो मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाई है और 60 दिनों के भीतर एक मजबूत इच्छाशक्ति का परिचय देते हुए विधेयक लेकर आई है. जबकि पिछली सरकारों, विशेष रूप से आम आदमी पार्टी की सरकार ने शिक्षा को सिर्फ एक राजनीतिक मंच और बच्चों और पैरेंट्स को लूट का जरिया बना रखा था. उन्होंने कभी फीस नियंत्रण की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की.

सूद ने बताया कि पिछली सरकारों ने कैसे निजी स्कूलों पर फीस बढ़ाने को लेकर कार्रवाई करने का ढोंग किया और अंडर द टेबल स्कूल मैनेजमेंट से सौदेबाजी होती रही. उन्होंने कहा कि पिछले 27 सालों से हर साल स्कूलों की फीस बढ़ती रही. फीस को पारदर्शी तरीके से नियमित करने का कोई प्रयास ही नहीं किया गया.स्कूल फीस बढ़ाते थे और आम आदमी पार्टी की सरकार एक झूठा हमला करती थी स्कूलों पर और फिर प्रबंधन से हाथ मिलाकर बच्चों के ऊपर मानसिक दबाव बनाया जाता था.

1677 प्राइवेट स्कूलों पर प्रभावी माना जाएगा

शिक्षा मंत्री ने प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले दिल्ली के सभी छात्रों और उनके अभिभावक को भरोसा दिया कि नया विधेयक जब विधानसभा में पास होकर कानून बन जाएगा तो यह शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाएगा. उन्होंने कहा कि यह विधेयक कानून बनने के बाद दिल्ली के सभी 1677 प्राइवेट स्कूलों पर प्रभावी माना जाएगा शिक्षा मंत्री ने भरोसा दिया कि आने वाले समय में दिल्ली के सरकारी स्कूलों को इतना सशक्त बनाया जाएगा कि वे प्राइवेट स्कूलों को कड़ी चुनौती देते नजर आएंगे। राजधानी के लोग भविष्य में अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिला करवाने के लिए दौड़-भाग करेंगे.

अभिभावकों ने की सरकार के फैसले की सराहना

संवाद कार्यक्रम में कई अभिभावकों ने कहा कि सरकार का यह कदम पारदर्शिता की ओर बढ़ाई हुई एक शानदार पहल है. अब निजी स्कूल मनमाने तरीके से फीस नहीं बढ़ा पाएंगे. उन्होंने कहा कि अब निजी स्कूलों को पैरेंट्स को बताना पड़ेगा कि वह किस लिए फीस बढ़ा रहे हैं. सरकार की दखलंदाजी से ना सिर्फ निजी स्कूलों की फीस वृद्धि पर लगाम लगी है बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में भी आमूलचूल परिवर्तन दिखाई देगा.