NEET UG 2025 पेपर लीक कराने के दावे… NTA ने 122 चैनलों की बनाई लिस्ट, अब होगा ये एक्शन

NEET-UG 2025 एग्जाम 4 मई यानी रविवार को होने जा रही है. परीक्षा से ठीक पहले नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने सोशल मीडिया पर फैल रही पेपर लीक की अफवाहों पर कड़ी नजर रखते हुए 106 टेलीग्राम और 16 इंस्टाग्राम चैनलों की पहचान की है. ये टेलीग्राम और इंस्टाग्राम चैनल कथित तौर पर नीट यूजी का क्वेश्चन पेपर उनके पास होने का दावा कर रहे थे. इन चैनलों की भारतीय साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) के साथ शेयर की गई है. अब इनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी.

NTA के सूत्रों के अनुसार यह कार्रवाई उस ऑनलाइन पोर्टल पर मिली सूचनाओं के आधार पर की गई है जिसे एजेंसी ने हाल ही में संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्टिंग के लिए शुरू किया था. अब तक NTA को कुल 1,500 से अधिक रिपोर्ट्स मिल चुकी हैं. इन रिपोर्ट्स में ज्यादातर टेलीग्राम चैनल झूठी लीक की खबरें भी लोगों के बीच फैला रहे हैं. NTA ने टेलीग्राम और इंस्टाग्राम से इन चैनलों को तुरंत हटाने और उनके एडमिनिस्ट्रेटरों की जानकारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ शेयर करने की मांग की है.

NTA ने NEET UG 2025 परीक्षा को गड़बड़ियों से बचाने और संदिग्ध जानकारी की शिकायत करने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल 26 अप्रैल को लॉन्च किया गया था. इसमें कोई भी यूजर तीन कैटेगरी में जानकारी दे सकते हैं. पहला अनधिकृत वेबसाइट्स या सोशल मीडिया अकाउंट, दूसरा परीक्षा सामग्री तक पहुंच का दावा करने वाले व्यक्ति और तीसरा NTA या सरकारी अधिकारियों के रूप में फर्जी पहचान वाले लोग. इस पोर्टल पर 4 मई की शाम 5 बजे तक रिपोर्ट की जा सकती है.

बता दें कि पिछले साल यानी NEET-UG 2024 परीक्षा के बाद पेपर लीक जैसे गंभीर मामले सामने आए थे जिसमें कानूनी एजेंसियों ने अपराधियों को गिरफ्तार किया था. एग्जाम से ठीक पहले इस बार एनएमसी ने इस मामले से संबंधित छात्रों को सस्पेंड करने और पिछले साल एडमिशन ले चुके छात्रों का एडमिशन कैंसल करने की मेडिकल कॉलेजों को निर्देश दिए गए हैं.

इस बार परीक्षा को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए विशेष सुरक्षा उपाय किए गए हैं. प्रश्न पत्र और OMR शीट्स को पुलिस एस्कॉर्ट के साथ परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाया जाएगा और जिलाधिकारी, पुलिस अधिकारी परीक्षा केंद्रों का खुद निरीक्षण करेंगे. जिले स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में समन्वय समितियां बनाई गई हैं.

ये कदम पूर्व ISRO अध्यक्ष डॉ. के. राधाकृष्णन की अगुवाई में बनी सात सदस्यीय समिति की सिफारिशों के आधार पर लिए गए हैं. शिक्षा मंत्रालय ने साफ कहा है कि सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी.