पूर्व रक्षा सचिव अजय कुमार संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी (UPSC) के नए अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं. बीते 29 अप्रैल को प्रीति सूदन का कार्यकाल पूरा होने के बाद यूपीएससी अध्यक्ष का पद खाली हो गया था. केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, अजय कुमार की नियुक्ति को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दे दी है. केरल कैडर के 1985 बैच के रिटायर्ड भारतीय प्रशासनिक सेवा यानी आईएएस अधिकारी अजय कुमार ने 23 अगस्त 2019 से 31 अक्टूबर 2022 तक रक्षा सचिव के रूप में काम किया था.
पूर्व आईएएस अधिकारी अजय कुमार रक्षा मंत्रालय में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले सचिव रहे हैं. इसके अलावा वह रक्षा उत्पादन विभाग में भी सचिव के पद पर काम कर चुके हैं. उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के महानिदेशक सहित कई पदों पर भी काम किया है. सबसे खास बात ये है कि वह साल 2014 में डिजिटल इंडिया पहल को लागू करने वाली टीम का भी हिस्सा थे.
कितने पढ़े लिखे हैं?
अजय कुमार आईआईटी कानपुर और मिनेसोटा विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र हैं. उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान यानी आईआईटी कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली है. इसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका की मिनेसोटा यूनिवर्सिटी चले गए. वहां उन्होंने डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स में मास्टर डिग्री ली और उसके बाद उसी यूनिवर्सिटी के कार्लसन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में पीएचडी की डिग्री भी हासिल की.
अपनी पढ़ाई खत्म करने के बाद वह वापस भारत आए और यूपीएससी की परीक्षा दी. परीक्षा पास कर वह आईएएस अधिकारी बने. उन्हें केरल कैडर अलॉट किया गया. अजय कुमार ने अपनी सेवा के तीन दशक केरल में बिताए हैं. वह साल 2007 से 2010 तक केरल सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रधान सचिव रहे थे.
यूपीएससी में कितने सदस्य होते हैं?
संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा), आईएफएस (भारतीय विदेश सेवा) और आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) समेत अन्य विभागों में अधिकारियों के चयन करने के लिए सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करता है. इसका नेतृत्व एक अध्यक्ष करता है, जिसकी जिम्मेदारी अब अजय कुमार संभालेंगे. यूपीएससी में अधिकतम 10 सदस्य हो सकते हैं. यूपीएससी अध्यक्ष की नियुक्ति 6 साल के लिए या 65 साल की उम्र होने तक के लिए की जाती है.
ये भी पढ़ें: सीबीएसई 12वीं में मेरठ के करण पिलानी ने रचा इतिहास, 500 में से आए 499 अंक