दादी के जज्बे को सलाम, पोते के साथ पास की 10वीं की परीक्षा, मिले 52% मार्क्स

आपने वो कहावत तो सुनी ही होगी कि पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती. अगर इंसान चाहे तो किसी भी उम्र में पढ़ाई शुरू कर सकता है और अपने सपने को पूरा कर सकता है. मुंबई में कुछ ऐसा ही देखने को मिला है. यहां एक दादी ने अपने वर्षों पुराने सपने को साकार किया है और वो भी 65 साल की उम्र में. दरअसल, मुंबई की प्रभावती नाम की महिला ने 52 प्रतिशत अंकों के साथ 10वीं की परीक्षा पास कर न सिर्फ सबको चौंका दिया है बल्कि ये संदेश भी दिया है कि इंसान किसी भी उम्र में पढ़ाई कर सकता है और दुनिया के लिए एक प्रेरणास्रोत बन सकता है.

एक इंटरव्यू में 64 वर्षीय दादी ने बताया, ‘मुझे खुशी हुई कि मैं और मेरा पोता दोनों 10वीं की परीक्षा में पास हुए. मैं परीक्षा देने गई तो वहां भी सबको बहुत खुशी हुई. सब मेरा सम्मान करते थे. मेरे अध्यापक बहुत अच्छे थे. परिवार का मुझे बहुत साथ मिला’.

पोते को कितने अंक मिले?

दादी और पोते ने इस साल एक साथ 10वीं की परीक्षा दी थी, जिसमें दादी को 52 प्रतिशत अंक मिले तो वहीं पोते सोहम जाधव ने 82 प्रतिशत अंकों के साथ 10वीं बोर्ड परीक्षा पास की. दादी ने बताया कि उन्होंने मराठी मीडियम से परीक्षा दी थी, जबकि उनका पोता अंग्रेजी मीडियम से पास हुआ है.

जिम्मेदारियों की वजह से नहीं कर पाईं पढ़ाई

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दादी ने बताया कि उनकी शादी छोटी उम्र में ही हो गई थी और उसके बाद बच्चे और घर की जिम्मेदारियों के बोझ तले वो ऐसे दब गईं कि वो चाह कर भी पढ़ाई नहीं कर पाईं, पर जब उन्होंने अपने पोते को दिन-रात पढ़ता देखा तो उनके अंदर भी फिर से पढ़ने की ललक जगी. फिर क्या, दादी ने भी पढ़ाई शुरू कर दी और सबसे खास बात कि पूरे परिवार ने उनके इस फैसले का सम्मान किया और उनका भरपूर साथ दिया.

दादी ने बताया कि घर के काम और अन्य जिम्मेदारियों की वजह से उन्हें पढ़ने का थोड़ा कम ही समय मिलता था, लेकिन जब भी समय मिलता था, वो मन लगाकर पढ़ाई करती थीं. इसी का नतीजा है कि आज दादी ने अच्छे नंबरों से परीक्षा पास की है और सभी के लिए प्रेरणास्रोत बन गई हैं.

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