जामिया से अब विदेशी छात्र भी कर सकेंगे बीडीएस, इसी साल से सीटें रिजर्व

जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने एक बड़ा फैसला लिया है, जिसके तहत जामिया की डेंटल फैकल्टी की तरफ से संचालित बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (BDS) पाठ्यक्रम में अब विदेशी और एनआरई छात्र भी दाखिला ले सकेंगे. जामिया के BDS में दाखिला नीट-यूजी की मेरिट के आधार पर होता है. अभ्यर्थियों को नीट यूजी के साथ ही मेडिकल काउंसलिंग समिति (एमसीसी) द्वारा आयोजित काउंसलिंग में भी शामिल होना होता है.

विदेशी छात्रों के लिए इसी साल से सीटें रिजर्व

जामिया प्रशासन ने डेंटल फैकल्टी की तरफ से संचालित बीडीएस पाठ्यक्रम में विदेशी और एनआरआई छात्रों को भी दाखिला देना का फैसला लिया है. इसके लिए इसी साल से सीटें रिजर्व कर दी गई हैं. जामिया प्रशासन की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार बीडीएस पाठ्यक्रम में दाखिला के लिए विदेशी छात्रों के लिए 2 सीटें रिजर्व रखी गई हैं. जिसके तहत बीडीएस में दो विदेशी छात्रों को इसी साल से दाखिला दिया जाएगा. जामिया प्रशासन के अनुसार विदेशी छात्रों के लिए ये दोनों की सीटें सामान्य श्रेणी की हैं. यानी सामान्य श्रेणी के विदेशी छात्र इन सीटों पर दाखिला ले सकते हैं.

ऐसे कर सकते हैं विदेशी छात्र आवेदन

जामिया में बीडीएस पाठ्यक्रम 5 साल का है. जिसमें एक साल रोटरी के साथ इटर्नशिप (पेड) के तौर पर जुड़ना होता है. जामिया से बीडीएस करने के लिए विदेशी छात्रों को नीट यूजी में शामिल होना होगा. इसमें पास विदेशी अभ्यर्थी ही एनआरआई, पीआईओ, ओसीआई कोटे से दाखिला के लिए आवेदन कर सकते हैं. विशेष ये है किअभ्यर्थियों की आयु कम से कम 17 वर्ष होनी चाहिए. प्रवेश प्रक्रिया और शुल्क संरचना का विवरण जामिया प्रॉस्पेक्टस 2025-26 में उपलब्ध है. आवेदन इस लिंक https://admission.jmi.ac.in/ पर जाकर किया जा सकता है.

जामिया डेंटल फैकल्टी का है जलवा

जामिया मिलिया इस्लामिया NAAC A++ रैंक वाला केंद्रीय विश्वविद्यालय है, जिसे लगातार पिछले तीन वर्षों से राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) द्वारा तीसरा स्थान दिया गया है. तो वहीं जामिया की डेंटल फैकल्टी का भी जलवा है, जो राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क 2024 (NIRF) के अनुसार भारत के सभी डेंटल कॉलेजों में 8वां स्थान रखता है.

वहीं जामिया से बीडीएस करने वाले कई छात्र भारत और विदेशों में प्रमुख संस्थानों में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं ताे कई छात्र रक्षा बलों, राज्य लोक सेवा आयोगों में शामिल हो गए हैं. इसके साथ ही कई छात्रों ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय लाइसेंसिंग परीक्षाएं उत्तीर्ण की हैं और मध्य पूर्व, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका में डेंटल सर्जन के तौर पर काम कर रहे हैं.

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