देश में अब मेडिकल कॉलेजों की भी अलग से रैंकिंग होगी. इसके लिए नेशनल मेडिकल कमीशन यानी NMC ने एक प्लान तैयार किया है. इसके साथ ही NMC मेडिकल कॉलेजों को मान्यता देने का काम भी करेगा. NMC ने घोषणा की है, वह अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी मेडिकल कॉलेजों को मान्यता और रैंकिंग देगा. जिसको लेकर उसने प्लान तैयार किया है. अभी तक देश की सभी यूनिवर्सिटी को NIRF रैंकिंंग मिलती थी. मेडिकल कॉलेजों के लिए अलग से रैंकिंंग की कोई व्यवस्था नहीं थी.
78 मापदंडों पर मेडिकल कॉलेजों को परखा जाएगा
NMC ने अपने अधीन आने वाले मेडिकल कॉलेजों को रैंकिंग और मान्यता देने के लिए प्लान बनाया है. जिसके तहत NMC ने एक ड्राफ्ट तैयार किया है, जिसमें मेडिकल कॉलेजों को मान्यता और रैंकिंग देने के लिए मापदंड और मानदंड तैयार किए गए हैं. NMC के मेडिकल असेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड (एमएआरबी) ने इस ड्राफ्ट को तैयार किया है. जिसमें 11 मानदंड और 78 मापदंड शामिल हैं. इन्हीं मानदंडों और मापदंडों के आधार पर मेडिकल कॉलेजों को मान्यता और रैकिंंग देने की व्यवस्था होगी.
एनएमसी के अध्यक्ष डॉ. बीएन गंगाधर ने कहा कि यह पहली बार है कि मेडिकल कॉलेजों का मूल्यांकन निर्धारित मापदंडों के आधार पर किया जाएगा और उन्हें रेटिंग दी जाएगी. इसका उद्देश्य जवाबदेही लाना और उच्च मानकों का पालन सुनिश्चि करवाना है.
सुझाव के लिए पब्लिक डोमेन में ड्राफ्ट
NMC ने तैयार ड्राफ्ट को पब्लिक डोमेन में डाल दिया है. जो टिप्पाणियों और सुझाव के लिए पब्लिक डोमेन में डाला गया है. विशेष ये है कि NMC ने इस ड्राफ्ट को भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) के सहयोग से तैयार किया है. हालांकि इस ड्राफ्ट को एक साल पहले ही तैयार कर लिया था, जिसे अब सुझाव और टिप्पणी के लिए अब पब्लिक डोमेन में डाला गया है. जिसमें कुछ संशोधन भी किए गए हैं.
जिसके तहत मान्यता और रैंकिंग के लिए पूर्व में निर्धारित किए गए कुछ मापदंडों को हटा दिया गया है. जिसमें इंटर्न और रेजीडेंट को दिए जाने वाले वजीफे और कुल फैकल्टी की संख्या में पूर्णकालिक या नियमित प्रोफेसरों का अनुपात जैसे मानदंड शामिल थे. यानी पिछले ड्राफ्ट की तुलना में नए ड्राफ्ट में मापदंडों की संख्या 92 से घटकर 78 हो गई है.
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