School Dropout: सरकारी स्कूलों में बीच से पढ़ाई छोड़ रहे बच्चे, 23 राज्यों के हालात चिंताजनक

Gov School dropout: सरकारी स्कूलों से बड़ी संख्या में बच्चे बीच में पढ़ाई छोड़ रहे हैं. देश के कुल 23 राज्यों के सरकारी स्कूलों से बच्चों के बीच में पढ़ाई छोड़ने की स्थिति सामने आई है. देश के राज्यों में संचालित सरकारी स्कूलों से बच्चों के बीच में पढ़ाई छोड़ने की ये स्थिति पीएम पोषण योजना को लेकर राज्यों के साथ हुई केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की बैठक में सामने आई हैं.

पीएम-पोषण को पूर्व में मिड डे मील के नाम से जाना जाता था, जिसके तहत सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षा 8 तक के छात्रों को स्कूल में दिन का भोजन उपलब्ध कराया जाता है. इसको लेकर 33 राज्यों के साथ शिक्षा मंत्रालय ने बीते दिनों बैठक की थी, जिसमें राज्यों की तरफ से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों से ये जानकारी सामने आई है.

यूपी में सबसे अधिक स्कूल ड्रापआउट

देश के कुल 23 राज्यों में सरकारी स्कूलों में बच्चों के नामांकन में गिरावट दर्ज की गई है. जिसमें यूपी सबसे अव्वल है. साल 2023-24 में स्कूल में नामांकन कराने वाले और बीच में स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की बात करें तो यूपी में सबसे अधिक 21.83 लाख ड्राप आउट सामने आए हैं. जबकि इस दौरान बिहार से 6.14 लाख, राजस्थान से 5.63 लाख और पश्चिम बंगाल से 4.01 लाख बच्चों ने बीच में स्कूल छोड़ा है. वहीं 23 राज्यों में से 8 राज्य ऐसे हैं, जहां लगभग एक लाख बच्चों ने बीच में स्कूल छोड़ा है.

शिक्षा मंत्रालय चिंतित, राज्यों से रिपोर्ट तलब

देश के 23 राज्यों में सरकारी स्कूलों में बच्चों के ड्रापआउट की स्थिति सामने आने पर शिक्षा मंत्रालय की चिंताएं बढ़ गई हैं. इसको लेकर शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों से रिपोर्ट तलब की हैं. जिसमें राज्यों से इसके कारणों की पहचान करने और 30 जून तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है.

दो कारण हो सकते हैं

देश के 23 राज्यों के सरकारी स्कूलों से इतनी बड़ी संख्या में बच्चों के ड्रापआउट पर शिक्षा मंत्रालय चिंतित है. तो वहीं एक्सपर्ट इसके दो कारण मान रहे हैं. एक्सपर्ट का मानना है कि हो सकता है कि स्कूलों में बच्चों के नामांकन को कम्प्यूटरकृत करने की व्यवस्था में हुए बदलाव की वजह से या तो फर्जी नामांकन को हटा दिया गया है. इस वजह से इतनी बड़ी संख्या में ड्रापआउट सामने आ रहे हैं. इसके अलावा दूसरा कारण ये हो सकता है कि कोरोना के बाद बदले हालातों में बड़ी संख्या में बच्चों ने सरकारी स्कूलों से निजी स्कूलों में दाखिला कराया है. इस वजह से सरकारी स्कूलों में ये गिरावट हुई हैं.

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