जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में इस बार पीएचडी दाखिला को लेकर घमासान होना तय माना जा रहा है. जेएनयू पीएचडी दाखिला प्रक्रिया को लेकर बीते दिनों छात्रसंघ ने जनमत संग्रह का आयोजन किया था. जिसके नतीजे रविवार को जारी कर दिए गए हैं. जिसमें शामिल कुल छात्रों में से 93 फीसदी ने पीएचडी में दाखिला के लिए जेएनयू प्रवेश परीक्षा का आयोजन करने के एजेंडे का समर्थन किया है. छात्रसंघ के इस अभियान के बाद जेएनयू में पीएचडी दाखिला को लेकर भारी होना बवाल तय माना जा रहा है.
नेट से पीएचडी में दाखिला
जेएनयू में बीते कुछ वर्षों से पीएचडी में दाखिला नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की तरफ से आयोजित नेट परीक्षा के परिणाम के आधार पर होता है. हालांकि जेएनयू आवेदन प्रक्रिया आयोजित करता है, लेकिन दाखिला का आधार नेट को माना जाता है. इससे पूर्व तक जेएनयू पीएचडी में दाखिला के लिए प्रवेश परीक्षा का आयोजन करता था. प्रवेश परीक्षा का आयोजन विवि प्रशासन की तरफ से किया जाता था, तो वहीं प्रश्न पत्र भी विवि शिक्षकों की एक कमेटी की तरफ से तैयार किए जाते थे.
प्रवेश परीक्षा के पक्ष 1323 छात्र
जेएनयू छात्र संघ ने पीएचडी दाखिला के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित कराने के एजेंडे के साथ शुक्रवार की रात को जनमत संग्रह का आयोजन किया था. जिसके तहत विवि कैंपस में स्थित सभी 10 हॉस्टलों में वोटिंग की व्यवस्था की गई थी. इसके नतीजे रविवार को जेएनयू छात्रसंघ की तरफ से जारी किए गए हैं. जारी नतीजों के अनुसार जनमत संग्रह में कुल 1424 छात्रों ने प्रतिभाग किया था. जिसमें से प्रवेश परीक्षा के पक्ष में 1323 छात्रों ने वोट दिया है, जबकि 96 छात्रों ने इसके विरोध में वोट दिया है. तो वहीं 5 वोट अवैध घोषित किए गए हैं. इस तरह 93 फीसदी छात्रों ने पीएचडी दाखिला के लिए जेएनयू प्रवेश परीक्षा आयोजित कराने की मांग की है.
जनमत संग्रह में ये पूछा गया था सवाल
जनमत संग्रह में छात्रों के सामने एक सवाल रखा गया था. जिसके पक्ष और विपक्ष में वोट देने का विकल्प था. सवाल में कहा गया था कि जेएनयू प्रवेश परीक्षा 4 दशकों तक सफलता आयोजित की गई. इसके बंद होने से छात्रों का नुकसान हुआ है. क्या मैं 2025-26 सत्र में पीएचडी प्रवेश के लिए जेएनयूईई (विवि प्रवेश परीक्षा) को बहाल करने की मांग करता हूं, बशर्ते कि अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालय अपनी प्रवेश परीक्षाएं जारी रखें.
अब होगा घमासान
जेएनयू में पीएचडी दाखिला को लेकर एक बार फिर छात्रसंघ और विवि प्रशासन आमने-सामने आ सकते हैं. असल में कुलपति शांतिश्री धुलीपंडित बीते दिनों छात्रसंघ से पीएचडी दाखिला के लिए जेएनयू प्रवेश परीक्षा पर विचार करने की बात कह चुकी है. हालांकि इस पर अभी तक अमल नहीं हुआ है. वहीं छात्र संघ अपनी मांगों को लेकर जेएनयू प्रशासन पर मोर्चा खाेलने की तैयारी कर रहा है.दूसरी तरफ एबीवीपी समेत दूसरे छात्रसंगठन जनमत संग्रह में छात्रों की भागीदारी पर सवाल उठा रहे हैं.
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