अमेरिका की ट्रंप सरकार ने विदेशी छात्रों के वीजा इंटरव्यू प्रक्रिया पर अस्थायी रोक लगा दी है. ट्रंप के इस फरमान ने भारतीय छात्रों की टेंशन बढ़ा दी. इस फैसले के पीछे तर्क सुरक्षा का दिया जा रहा है. जिन विदेशी छात्रों ने वीजा के लिए आवेदन किया है उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स की जांच की जा रही है.
दरअसल भारत से बड़ी संख्या में छात्र अमेरिका पढ़ाई के लिए जाते हैं.अब ट्रंप सरकार के इस फैसले से उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं.खासतौर से उन छात्रों की जो इसी सत्र में अमेरिका में जाकर पढ़ाई की तैयारी कर रहे थे. अब इन छात्रों को समझ नहीं आ रहा कि वो क्या करें. सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि विदेशी छात्रों के भी यही हालात हैं.
विदेशी छात्रों के वीजा इंटरव्यू पर रोक क्यों?
ट्रम्प प्रशासन ने स्टेट डिपार्टमेंट को निर्देश दिया है कि नई F-1 (student) वीजा इंटरव्यू फिलहाल रोके जाएं, जब तक सोशल मीडिया आधारित vetting system तैयार नहीं हो जाता. दरअसल नए प्रस्ताव के तहत, आवेदकों के पिछले 5 वर्षों के सोशल मीडिया पोस्ट, फॉलो किए गए अकाउंट्स, राजनीतिक झुकाव और भावनात्मक/सांस्कृतिक विचारों की पड़ताल की जा रही है. यह कदम सुरक्षा के नाम पर उठाया जा रहा है, ताकि छात्रों की विचारधारा की पहले से ही जानकारी हो.
अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता ने क्या कहा?
वीज़ा की प्रकिया रोके जाने के सवाल पर अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा है कि’जो बात अभी सार्वजनिक तौर पर नहीं कही गई है उस पर कुछ नहीं बोलूंगी लेकिन इतना ज़रूर कहना चाहूँगी एक संप्रभु देश के तौर पर अमेरिका को यह हक़ है कि यहां कौन आना चाहता है क्यों आना चाहता है, उसकी पृष्ठभूमि क्या है, इसकी परख हम पहले से करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे.’
भारतीय छात्रों पर क्या पड़ेगा असर?
भारत से हर साल लगभग 2 लाख छात्र अमेरिका में उच्च शिक्षा के लिए जाते हैं. नई नीति का सीधा असर इन छात्रों के वीजा आवेदन पर पड़ेगा.
- वीजा प्रोसेस में देरी: इंटरव्यू पर रोक लगने की वजह से छात्रों को लंबा इंतज़ार करना पड़ सकता है.
- वीजा रिजेक्शन का रिस्क बढ़ेगा: सोशल मीडिया पर की गई कोई पुरानी पोस्ट, राजनीतिक स्टैंड, व्यंग्यात्मक टिप्पणियां या आपत्तिजनक सामग्री वीजा ख़ारिज होने का कारण बन सकती है.
- मानसिक दबाव: छात्रों और उनके परिवारों में तनाव बढ़ सकता है, खासकर जब वीजा मंजूरी पर अनिश्चितता बनी रहे.
अन्य देशों की ओर बढ़ेगा झुकाव
भारतीय छात्रों को अमेरिका का वीजा न मिलने की स्थिति में उनका दूसरे देशों की ओर झुकाव बढ़ सकता है. इनमें कनाडा, ऑस्ट्रेलिया जैसे देश हो सकते हैं जो भारतीय छात्रों के लिए ज्यादा और सहज नीतियां अपना रहे हैं.
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