Tv9 Education Conclave: हम इतिहास बदल नहीं रहे, जो गलत हुआ उसे ठीक कर रहे हैं, एजुकेशन कॉन्क्लेव में बोले शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान

टीवी9 भारतवर्ष के एजुकेशन कॉन्क्लेव में इतिहास बदलने के विपक्ष के आरोप पर बोलते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि हम इतिहास बदल नहीं रहे, जो गलत हुआ उसे ठीक कर रहे हैं. शिक्षा मंत्री ने कहा कि कुछ लोगों को इतिहास में अत्यंत बड़ा दिखा दिया गया, तो कुछ महान लोगों को गायब कर दिया गया था. हम बस उसे ठीक कर रहे हैं. हम इतिहास में कोई बदलाव नहीं कर रहे हैं.

राहुल गांधी के आरोप पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि मैं एक फैक्ट रखना चाहता हूं कि 2004 से 2014 तक सेंट्रल यूनिवर्सिटी में 16217 टीचरों के पद थे. उनमें 57% एससी, 63% एसटी और 60% ओबीसी टीचरों के पद खाली थे. आज पीएम की पहल के कारण कुल पदों की संख्या 19 हजार से ज्यादा हो गई है. पोस्ट बढ़ी हैं और वैकेंसी भी भरी गई हैं. धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सामाजिक न्याय के प्रति कांग्रेस की कभी निष्ठा नहीं रही है. उनके आरोप तथ्य से परे हैं और बेबुनियाद हैं.

ओडिशा में हायर एजुकेशन में आरक्षण पर क्या बोले प्रधान?

शिक्षा मंत्री ने कहा कि ओडिशा एक ऐसा राज्य है, जहां मंडल कमीशन के बावजूद ओबीसी छात्रों के लिए हायर एजुकेशन में आरक्षण की व्यवस्था नहीं थी. कांग्रेस और बीजद सरकार में रहे, लेकिन पिछड़े वर्ग के छात्रों के साथ दोनों दलों ने अन्याय किया. ओबीसी के प्रति हमने राष्ट्रीय स्तर पर भी जिम्मेदारी निभाई और राज्य में भी हमने ऐसा किया.

हायर एजुकेशन में लोकल लैंग्वेज कितनी जरूरी?

हायर एजुकेशन में लोकल लैंग्वेज पर बोलते हुए मंत्री प्रधान ने कहा कि विश्व के कई देशों की अर्थ नीति अपनी लोकल लैंग्वेज पर निर्भर है. जापान ले लीजिए, चीन ले लीजिए, जर्मनी या इजराइल सभी अपनी लोकल लैंग्वेज पर निर्भर हैं. हमारी मेधा सिर्फ अंग्रेजी से निकलती है. इसीलिए हम इंग्लिश को पढ़ा रहे हैं. हालांकि अगर पढ़ाई मातृभाषा में होगी तो फायदा मिलेगा. अभी महाराष्ट्र की बात है. वहां के इंजीनियरिंग कॉलेज ने अपनी पूरी पढ़ाई मराठी में कराई. मध्य प्रदेश में एक मेडिकल कॉलेज में हिंदी में पढ़ाई होती है.

पेपर लीक पर क्या कर रही सरकार?

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि दुर्घटना घटती है. पिछली बार जो हुआ वह नहीं होना चाहिए था. हालांकि इस बार हमने सख्ती की और इस तरह की कोई बात सामने नहीं आई. रहा NTA का सवाल तो NTA लगातार अच्छा काम कर रही है.

क्या वन नेशन, वन एग्जाम होगा?

उन्होंने कहा कि भारत की प्राथमिक शिक्षा राज्यों के हाथ में है. अपार आईडी अलग बात है. ताकि हर छात्र की एक आईडी हो और वह डिजी-लॉकर से कनेक्ट हो, ताकि कोई भी छात्र किसी भी क्लास का हो, उसका एक रिकॉर्ड हो. इसीलिए अपार को लाया गया है. इसमें भाषा या एग्जाम को लेकर कोई प्रावधान नहीं है.

भारत में खुल रहे विदेशी यूनिवर्सिटीज के कैंपस

शिक्षा मंत्री ने कहा कि विश्व एक छोटा गांव हो चुका है, इंटरनेट के कारण हम चंद सेकेंड में किसी की खबर को दुनिया या भारत के किसी भी दूरदराज इलाके में पा सकते हैं. हमें शिक्षा के अंतरराष्ट्रीय करण की आवश्यकता है. इसीलिए भारत के संस्थान बाहर जा रहे हैं और विदेशों की यूनिवर्सिटीज भारत आ रही हैं. ऑस्ट्रेलिया और यूके की चार यूनिवर्सिटी भारत आ चुकी हैं. इसी सत्र में विदेश की 11 और यूनिवर्सिटी को भारत लाया जा सकता है.

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