हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और ट्रंप सरकार के बीच का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है, जिसका असर भारतीय छात्रों के साथ-साथ सभी विदेशी छात्रों पर पड़ने लगा है. दरअसल, विदेशी छात्रों के वीजा इंटरव्यू पर ट्रंप प्रशासन द्वारा रोक लगा दी गई है. खैर, हार्वर्ड में ये तो बवाल चल ही रहा है, लेकिन इस बीच यहां एक नया विवाद सामने आ गया है. हार्वर्ड ने हाल ही में एक महिला प्रोफेसर को नौकरी से निकाल दिया है. उसपर कई रिसर्च के डेटा में हेराफेरी का आरोप लगा है. सबसे हैरान करने वाली बात तो ये है कि वो महिला प्रोफेसर हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में सबसे अधिक सैलरी पाने वाली प्रोफेसर थी.
इस महिला प्रोफेसर का नाम फ्रांसेस्का जीनो है. वो कोई साधारण प्रोफेसर नहीं थीं, बल्कि बिहेवियरल साइंस यानी व्यवहार विज्ञान की दुनिया में वह एक स्टार थीं. उन्होंने कई बेस्टसेलिंग किताबें लिखीं हैं और पुरस्कार जीते हैं. इतना ही नहीं, वह दुनिया की टॉप कंपनियों में विश्वास बनाने, नैतिक व्यवहार और ईमानदारी को बढ़ावा देने के बारे में बात करती थीं, लेकिन अब उसी स्टार प्रोफेसर को डेटा में हेराफेरी करते हुए पकड़े जाने के बाद हार्वर्ड से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है.
इस मामले की शुरुआत साल 2021 में हुई थी जब ब्लॉग डेटा कोलाडा ने फ्रांसेस्का जीनो के कुछ प्रकाशित डेटा की सटीकता पर संदेह जताया. इसके बाद हार्वर्ड ने एक इंटरनल जांच शुरू की और रिसर्च की जांच करने के लिए बाहरी विशेषज्ञों को बुलाया गया. उन विशेषज्ञों को कम से कम चार रिसर्च में डेटा हेरफेर के स्पष्ट संकेत मिले. इसके बाद जीनो के कई रिसर्च पेपर वापस ले लिए गए और इस तरह रातों-रात जीनो की वो शैक्षणिक प्रतिष्ठा लगभग खत्म हो गई, जिसे बनाने में उन्हें सालों लगे थे.
फ्रांसेस्का जीनो की सैलरी कितनी थी?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, फ्रांसेस्का जीनो सिर्फ हार्वर्ड से ही सालाना 1 मिलियन डॉलर यानी 8.55 करोड़ से अधिक कमा रही थीं, जिससे वह कैंपस में सबसे अधिक सैलरी पाने वाली प्रोफेसर बन गईं थीं. इसके अलावा वह कैंपस से बाहर भी अक्सर प्रोग्राम्स में जाती रहती थीं, जिससे कथित तौर पर उनकी 50 हजार से 1 लाख डॉलर तक की कमाई हो रही थी. नैतिकता के बारे में उनकी बातें सुनने के लिए लोग बहुत पैसे खर्च करते थे. जब प्रोफेसर फ्रांसेस्का का ये मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो लोग इस बात से ज्यादा हैरान थे कि इतना पैसा कमाने वाली कोई प्रोफेसर इतने लंबे समय तक रिसर्च में हेराफेरी करके कैसे बच सकती है.
जीनो ने हार्वर्ड पर ठोका 25 मिलियन डॉलर का मुकदमा
हालांकि हार्वर्ड से नौकरी से निकाले जाने के बाद फ्रांसेस्का यूं ही चुप नहीं बैठीं बल्कि उन्होंने हार्वर्ड के खिलाफ 25 मिलियन डॉलर का मुकदमा दायर कर दिया, जिसमें उन्होंने यूनिवर्सिटी पर मानहानि और अनुचित व्यवहार का आरोप लगाया है. उनका दावा है कि हार्वर्ड ने पूर्वव्यापी प्रभाव से नई नीति लागू की, जिससे उन्हें खुद का बचाव करने का कोई उचित मौका नहीं मिला.
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