दिल्ली विश्वविद्यालय में एडमिशन संबंधी जानकारी और छात्रों के सभी सवालों के जवाब देने के लिए TV9 हिंदी ने आज, 30 मई को एक वेबिनार का आयोजन किया, जिसमें डीयू के एडमिशन डीन प्रो. हनीत गांधी, प्रोफेसर विजय लक्ष्मी और प्रो. नंदिनी दत्ता से स्टूडेंट्स से सभी सवालों से जवाब दिए. वेबिनार में स्टूडेंट्स ने यूजी एडमिशन संबंधी कई सवाल पूछे, जिनके जवाब डीयू एक्सपर्ट की ओर से दिए गए. दिल्ली विश्वविद्यालय में अंडरग्रेजुएट की 70 हजार के करीब सीटें हैं. ये भी सीटें डीयू कैंपस और विभिन्न काॅलेजों में हैं. आइए जानते हैं कि छात्रों ने क्या सलाव पूछे और एक्सपर्ट ने क्या जवाब दिए.
डीयू में यूजी के किन-किन कोर्स की है डिमांड?
दिल्ली यूनिवर्सिटी में यूजी के किन-किन कोर्स की डिमांड सबसे ज्यादा रहती है? इसका जवाब देते हुए डीयू प्रोफेसर नंदिनी दत्ता ने कहा कि अब पॉलिटिकल साइंस और इतिहास विषय की डिमांड ज्यादा होती है. स्टूडेंट्स इन सब्जेक्ट को यूपीएससी सिविल सेवा की तैयारी के लिए बेस्ट मानते हैं. इसलिए ज्यादातर छात्र ग्रेजुएशन में इन विषयों को ही लेते हैं. पहले इकोनॉमिक्स की डिमांड थी, जो अब थोड़ी कम हो हुई है.
DU में किस कैटेगरी के छात्र को कितना मिलता है आरक्षण?
दिल्ली विश्वविद्यालय में रिजर्वेशन पॉलिसी भी लागू हैं. डीयू एडमिशन डीन प्रोफेसर हनीत गांधी ने बताया कि एससी कैटेगरी के छात्र को 15 फीसदी, एसटी क्षेणी के छात्र को 7.5%, ओबीसी को 27% और ईडब्ल्यूएस कोटे के छात्रों को 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान हैं. इसके अलावा दिव्यांग छात्रों को भी 10 फीसदी आरक्षण दिया जाता है. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की आरक्षण संबंधी सभी नीतियां विश्वविद्यालय में लागू हैं.
क्या बिना CUET डीयू में मिलता है दाखिला?
प्रो. गांधी ने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय के सभी काॅलेजों के यूजी कोर्स में दाखिले के लिए सीयूईटी यूजी अनिवार्य हैं. अगर कोई भी छात्र सीयूईटी एग्जाम में शामिल नहीं हुआ है, तो वह दाखिले के लिए अप्लाई नहीं कर सकता है. उन्होंने बताया कि डीयू के ओपन लर्निंग काॅलेज से छात्र बिना CUET के 12वीं नंबर के आधार पर दाखिला ले सकते हैं.
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