DU कुलपति ने कहा: डीयू में नहीं है दक्षिणपंथ का प्रभाव, लेकिन हम देशभक्तों को तैयार करने के लिए तत्पर

दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) में दक्षिणपंथी या किसी अन्य विचारधारा का प्रभाव नहीं है. डीयू एक केंद्रीय शिक्षण संस्थान है, लेकिन हम देशभक्तों को तैयार करने के लिए तत्पर हैं. डीयू के 23वें कुलपति प्रो योगेश सिंह ने मंगलवार को ये बातें कहीं हैं. प्रो योगेश सिंह ने एक इंटरव्यू के दौरान ये बातें कहीं. उन्होंने कहा, मुझे नहीं पता कि दक्षिणपंथी विचारधारा से लोगों का क्या मतलब है, लेकिन हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता ऐसे छात्रों को तैयार करना है, जो राष्ट्र को सबसे पहले रखें और यह हर विश्वविद्यालय का उद्देश्य होना चाहिए.

वीर सावरकर कॉलेज बिल्डिंंग का अगले साल शुभारंभ

डीयू के कुलपति ने मंगलवार को न्यूज एजेंसी आईएएनएस को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि हिंदुत्व विचारक वीर सावरकर के नाम पर बने कॉलेज की नई इमारत का अगले साल तक उद्घाटन हो जाएगा. वहीं एक सवाल के जवाब में कुलपति ने कहा कि जब भी देश किसी संकट का सामना करता है, तो नागरिकों को अपने तरीके से योगदान देना होता है. उन्हाेंने आगे कहा कि यह निश्चित रूप से सच है कि हम इस पर काम कर रहे हैं.

डीयू कुलपति प्रो योगेश सिंह ने अन्य संस्थानों से भी छात्रों में देशभक्ति की भावना जगाने का आग्रह करते हुए कहा कि हमें इस पर काम करना चाहिए. ताकि जब कोई बच्चा विश्वविद्यालय से पढ़कर निकले तो उसे देश की चिंता हो, क्योंकि यह देश हमारा है, यह किसी और का नहीं है और हमें इसकी चिंता करनी होगी.

वीर सावरकर कॉलेज के नए भवन के उद्घाटन पर उन्होंने कहा कि वीर सावरकर कॉलेज का निर्माण शुरू हो गया है. मुझे लगता है कि यह अगले साल 100 प्रतिशत काम पूरा हो जाएगा. हालांकि यह कॉलेज दो-तीन महीने में भी शुरू हो सकता है.

दिल्ली विश्वविद्यालय का वीर सावरकर कॉलेज पश्चिमी दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में 140 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बन रहा है. डीयू ने इसी सत्र से दाखिले शुरू करने का फैसला किया है.

नियमों के आधार पर हुई शिक्षक भर्ती

डीयू शिक्षक भर्ती में दक्षिणपंथी या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा से जुड़े लोगों को तवज्जो दिए जाने संबंधी आरोपों को खारिज करते हुए प्रो योगेश सिंह ने कहा कि वह इस तरह के बेबुनियाद आरोप से सहमत नहीं हैं. उन्होंने कहा कि चयन के लिए एक निर्धारित प्रक्रिया है. इसमें तीन चरण होते हैं, जिसमें स्क्रीनिंग, साक्षात्कार होता है. इस पूरी प्रक्रिया में उनसे लिखवाया जाता है, उनके संचार कौशल, लेखन कौशल और सॉफ्ट स्किल की जांच की जाती है, फिर साक्षात्कार होता है. उन्होंने कहा, ऐसे आरोप लगाने वाले या तो गलत जानकारी रखते हैं या ऐसी प्रक्रिया को समझने की परिपक्वता की कमी रखते हैं.

जेएनयू की अपनी खूबियां, डीयू की अपनी ताकत

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के साथ स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में डीयू के कुलपति प्रो योगेश सिंह ने कहा कि वैश्विक स्तर पर जेएनयू ने गौरव अर्जित किया है, जिसकी वह सराहना करते हैं. उन्होंने कहा कि जेएनयू की अपनी खूबियां हैं, जबकि डीयू की अपनी ताकत हैं. उन्होंने डीयू के नार्थ कैंपस के दूसरे जेएनयू बनने संबंधी आरोपों भी इस दौरान खारिज किया .

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