गुजरात में मेडिकल पीजी की पढ़ाई महंगी हो गई है. अब यहां से पढ़ाई करने वाले मेडिकल छात्रों को ज्यादा फीस चुकानी होगी. प्रदेश की फीस रेगुलेटरी कमेटी FRC ने सेल्फ फाइनेंस मेडिकल और डेंटल कॉलेजों के सरकारी और मैनेजमेंट कॉलेजों के लिए संशोधिक फीस का ऐलान कर दिया है.
FRC के मुताबिक फीस में 8% से 12% फीस बढ़ोतरी की गई है. इसका मतलब है कि अगर सरकारी कोटे की सीट पर किसी स्टूडेंट का एडमिशन होता है तो उन्हें अब 1 लाख रुपये से 2.5 लाख रुपये तक ज्यादा फीस देनी होगी. वहीं मैनेजमेंट कोटे की सीट पर यह बढ़ोतरी 5 से 8 लाख रुपये तक होगी.
इसी सेशन से देनी होगी बढ़ी हुई फीस
गुजरात में मेडिकल और डेंटल कोर्स के लिए नीट पर आधारित एडमिशन जल्द शुरू होने वाले हैं. बढ़ी हुई फीस छात्रों से इसी सेशन से ली जाएगी. फीस रेगुलेटरी कमेटी के मुताबिक फिलहाल तीन साल तक यही फीस रहेगी. इसके बाद इस पर फिर विचार किया जाएगा. माना जा रहा है कि फीस रेगुलेटरी कमेटी के इस फैसले से गुजरात में 19 ग्रेजुएट और 10 पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल कॉलेज प्रभावित होंगे.
इतनी बढ़ी है फीस
गुजरात के एनएचएल मेडिकल कॉलेज में सरकारी कोटे वाली पीजी सीट की फीस अब तक जो 7.93 लाख रुपये थी, अब वह बढ़कर 8.88 लाख रुपये हो गई है. अगर अधिकतम देखें तो एच एम पटेल संस्थान में सरकारी कोटा की फीस जो 20.28 लाख रुपये थी उसके लिए अब 21 लाख रुपये देने होंगे. इसी तरह एनएचएल में मैनेजमेंट कोटे की सीट जो 26.94 लाख रुपये थी अब बढ़कर 30.17 लाख रुपये हो गई है, जबकि सबसे महंगी मैनेजमेंट कोटा सीट सूरत नगर निगम मेडिकल कॉलेज में है, जिसके लिए अब तक 3737.15 लाख रुपये देने होते हैं, लेकिन अब इसके लिए 41.61 लाख रुपये देने होंगे.
इससे पहले 2021 में बढ़ी थी फीस
गुजरात की फीस रेगुलेटरी कमेटी ने इससे पहले आखिरी बार 2021 में फीस बढ़ाई थी, समिति ने ये भी स्पष्ट किया है कि नए बैच को अपने पूरे कोर्स के दौरान हर साल समान फीस का भुगतान करना होगा. इसके लिए सीट लॉक कराते समय ही निर्णय लेना होगा. यह बढ़ी हुई फीस इसी साल से लागू होगी और अगले तीन साल तक इसमें कोई बदलाव नहीं होगा.
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