CLAT PG 2025 Result : दिल्ली हाईकोर्ट ने क्लैट पीजी 2025 को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने क्लैट पीजी प्रश्न पत्र में पूछे गए गलत सवालों के मामले में छात्रों को बड़ी राहत दी है. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (NLU) कंसोर्टियम को जल्द ही क्लैट पीजी 2025 का रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया है.आइए समझते हैं कि ये पूरा मामला क्या है. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में और क्या कहा है. छात्रों को कैसे राहत दी गई है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने दो प्रश्नों पर छात्रों को दी राहत
क्लैट पीजी 2025 में पूछे गए तीन गलत प्रश्नों को लेकर छात्रों की तरफ से याचिकाएं दायर की गई थी, जिसमें छात्रों ने दावा किया गया था कि क्लैट पीजी 2025 की फाइनल आंसर-की में गलतियां हैं. याचिका में उसे सुधारने की मांग की गई थी. इस मामले पर शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने सुनवाई की, जिसमें पीठ ने आंसर-की के दो सवालों को लेकर आपत्तियों को सही माना. वहीं पीठ ने तीसरे सवाल पर उठाई गई आपत्ति को खारिज करते हुए निर्देशित किया कि उसी अनुसार छात्रों को अंक दिए जाएं.
फीस पर भी कोर्ट की सख्ती
सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट की पीठ ने गलत सवालों को चुनौती देने के लिए निर्धारित की गई अधिक फीस पर भी सख्त टिप्पणी की है. असल में क्लैट यूजी-पीजी 2025 में प्रत्येक सवाल को चुनौती देने के लिए एक हजार रुपये की फीस निर्धारित की गई है.
सुनवाई के दौरान इस पर सवाल उठाते हुए पीठ ने कहा कि छात्रों और संस्थान के बीच संतुलन होना चाहिए. इस दौरान NLU कंसोर्टियम ने तर्क दिया कि अधिक फीस बिना वजह आपत्ति करने वालों या कोचिंग संस्थानों को रोकने के लिए रखी गई है. इस पर पीठ ने कहा कि भविष्य में एनएलयू इस फीस को कम करने पर विचार करेगा और सही कदम उठाएगा.
पीठ ने सुनवाई करते हुए निर्देशित किया कि ये मामला जस्टिस जी.रघुराम (रिटायर्ड) की अगुवाई वाली कमेटी के सामने रखा जाए. उनकी सलाह होने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाए.
क्या है क्लैट पीजी 2025 विवाद
कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) का आयोजन देश की सभी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज (NLU) में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की सीटों में दाखिला के लिए किया जाता है. क्लैट 2025 का आयोजन एक दिसंबर को किया गया था, लेकिन क्लैट परीक्षा में पूछे गए कई प्रश्नों को लेकर छात्रों ने कई कोर्ट्स में याचिका दायर की गई थी.इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की भी एंट्री हुई थी, जिसके तहत 6 फरवरी 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने सारी याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था.
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