जेईई एडवांस्ड 2025 का रिजल्ट आ गया है, जिसके बाद संयुक्त सीट आवंटन प्राधिकरण (JOSAA) काउंसलिंंग 2025 के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 3 जून से शुरू कर दी गई है. कांउसलिंग के लिए रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख 12 जून निर्धारित है. इस दौरान प्रत्येक अभ्यर्थी को स्मार्ट चॉइस फिलिंग का विकल्प मिलेगा. अगर जोसा काउंसलिंग से दाखिला का गणित समझें तो स्मार्ट चाॅइस फिलिंग बेहद ही महत्वपूर्ण है, जो किसी भी अभ्यर्थी की दाखिला की राह आसान बना सकती है. साथ ही मनचाहा कॉलेज, कोर्स दिलाने में मददगार हो सकती है. आइए समझते हैं कि स्मार्ट चॉइस फिलिंग क्या है.
क्या है स्मार्ट चॉइस फिलिंग, क्यों जरूरी
जैसे कि आप स्मार्ट चॉइस फिलिंग के शब्दों से ही समझ सकते हैं कि कैसे रजिस्ट्रेशन करने के दौरान स्मार्ट चॉइस अपनाते हुए आवेदन फार्म को भरना है. असल में जोसा रजिस्ट्रेशन के दौरान अभ्यर्थियों को दाखिला के लिए संस्थान, कॉलेज, इंजीनियरिंंग ब्रांच का चयन करने का विकल्प दिया जाता है. काउंसलिंग राउंड के दौरान मेरिट के आधार पर राउंट में कॉलेजों और ब्रांच की सीटें आंवटित की जाती हैं.
जोसा काउंसलिंग रजिस्ट्रेशन की स्मार्ट चॉइस फिलिंंग के दौरान अभ्यर्थियों के पास अधिक से अधिक कॉलेज, संस्थान और ब्रांच चुनने का विकल्प होता है. एक्सपर्ट मानते हैं कि स्मार्ट चॉइस फिलिंग में अभ्यर्थियों को मेरिट के आधार पर संस्थान, कॉलेज और कोर्स का चयन करना चाहिए. ऐसा करने से अगर किसी राउंड में मेरिट के आधार पर अभ्यर्थियों को मनपसंदीदा ब्रांच किसी दूसरे कॉलेज में मिल रहा है तो वह अपना दाखिला सुनिश्चित करा सकते हैं.
मसलन, जरूरी है कि अभ्यर्थी स्मार्ट चाॅइस फिलिंग के दौरान आईआईटी, एनआईटी, जीएफटीआई, ट्रिपलआईटी का विकल्प क्रमबद्ध करें, जिससे उन्हें सीटें आंवटित होने में आसानी होगी.
उदाहरण से समझें स्मार्ट चाॅइस फिलिंग का गणित
स्मार्ट चाॅइस फिलिंग का सही से प्रयोग कर कैसे अभ्यर्थी इसका फायदा उठा सकते हैं, इसके पूरे गणित को उदाहरण से समझने की कोशिश करते हैं. मसलन, किसी अभ्यर्थी को रजिस्ट्रेशन से पहले अपनी पंसदीदा ब्रांच और कॉलेज को चुनना चाहिए. इसी क्रम में इसके बाद अपनी मेरिट के आधार पर उन ब्रांच और कॉलेजों का विकल्प चुनना चाहिए, जहां पर दाखिला की गांरटी हो सकती है.
आखिर में उन कॉलेजों और ब्रांच को रखना चाहिए, जहां पर दाखिला के लिए प्रतिस्पर्द्धा ज्यादा है. जरूरी है कि स्मार्ट चॉइस फिलिंग में दाखिला का पूरा गणित बैठा कर ही अपनी वरियता को व्यवस्थित किया जाए. इससे दाखिला होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं.
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