JOSAA 2025 काउंसलिंग रजिस्ट्रेशन के बीच मंगलवार को TV9 कनेक्ट प्रोग्राम के तहत वेबिनार का आयोजन किया गया, जिसमें IIT दिल्ली के डायरेक्टर प्रो. रंजन बनर्जी, IIT दिल्ली के एसोसिएट डीन (करिकुलम) प्रो. शौरी चटर्जी और आईआईटी कानपुर के कंप्यूटर एंड इंजीनियरिंग डिपोर्टमेंट के प्रो. सुरेंद्र बसवाना शामिल हुए. इस दौरान छात्रों ने इंजीनियरिंग कें दाखिला से जुड़े कई तरह के सवाल पूछे, जिनके जवाब आईआईटी प्रोफेसर्स ने दिए. प्रस्तुत हैं कुछ प्रमुख सवालों के जवाब..
आर्यन को कम रैंक में ब्रांच और कॉलेज के चयन पर क्या मिला जवाब
TV9 वेबिनार में आर्यन ने प्राेफेसर्स से पूछा कि उन्होंने पीसीएम ग्रुप से 12वीं की है. सभी ब्रांच में उनका इंटरेस्ट है. अगर वह अपनी रैंक के हिसाब से आईआईटी का चयन करते हैं तो उन्हें वहां इनवायरमेंट जैसी लोअर ब्रांच मिलेंगी, जबकि एनाआईटी में अपन ब्रांच मिल सकती हैं. तो वहीं प्राइवेट कॉलेजों में कम्प्यूटर साइंस मिलेगी. ऐसे में उन्हें क्या करना चाहिए.
इस सवाल का जवाब देते हुए आईआईटी दिल्ली के एसोसिएट डीन (करिकुलम) प्रो. शौरी चटर्जी ने कहा कि इन हालातों में उन्हें आईआईटी का चयन करना चाहिए. अगर उन्हें इनवायरमेंटल ब्रांच मिल रही है तो ये बेहतर है. इसमें फ्यूचर है. प्रो शौरी ने कहा कि अगर एनआईटी और आईआईटी के बीच तुलना करें तो आईआईटी बेहतर हैं. आईआईटी में बेहतर लैब्स हैं तो वहीं वह एनआईटी की तुलना में आईआईटी बेहतर फंडेड हैं. वहीं इसका जवाब देते हुए प्रो. सुरेंद्र बसवाना ने कहा कि वह प्रो शाैरी के जवाब से संतुष्ट हैं. आईआईटी में एजुकेशन की क्वालिटी वर्ल्ड क्लास है.
अच्छी CGPA कितनी जरूरी, इंटर्नशिप कितनी मददगार
TV9 वेबिनार में छात्रों ने प्रोफेसर्स से बेहतर CGPA और बीटेक के दौरान इंटर्नशिप से जुड़े सवाल भी पूछे. एक छात्र ने पूछा कि प्लेसमेंट के लिए कितना सीजीपीए होना चाहिए. 8.5 से कम सीजीपीए में क्या प्लेसमेंट मिल सकता है. इसका जवाब देते हुए प्रो बासवान ने कहा कि करियर के लिए सीजीपीए महत्वपूर्ण मानदंड है. पहले सेमेस्टर से ही उस पर फोकस रखना चाहिए, लेकिन एक्सट्रा करिकुलम भी जरूरी है.
वहीं आईआईटी के निदेशक प्रो रंगन बनर्जी ने बीटेक के दौरान इंटर्नशिप कितनी मददगार वाले सवाल का जवाब देते हुए कहा कि इंटर्नशिप से अनुभव मिलता है, इसका प्लेसमेंट से मतलब नहीं है. इंटर्नशिप और प्रोजेक्ट छात्रों की समझ को बढ़ाते हैं. उन्होंने कहा कि प्लेसमेंट के दौरान कंपनियां ऑलरांउडरपर्सनालिटी चयन करती हैं. ऐसे में बैलेंस बनाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सीजीपीए के पीछ नहीं भागना चाहिए.
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