दिल्ली सरकार का नया स्कूल फीस एक्ट क्या है! अभिभावकों को इससे कैसे होगा फायदा? जानें हर एक बात

दिल्ली में निजी स्कूलों की फीस को लेकर जारी घमासान के बीच मंगलवार को रेखा गुप्ता सरकार ने नया फीस अध्यादेश पास किया है. दिल्ली स्कूल एजुकेशन ट्रांसपेरेंसी इन फिक्सेशन एंड रेगुलेशन ऑफ फीस एक्ट 2025 के नाम से लाए गए इस अध्यादेश को अभी कानून बनना है, जिसे मंजूरी के लिए उपराज्यपाल और राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. वहां से मंजूरी के बाद ये कानून 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा. माना जा रहा है कि ये आखिरी मंजूरी के बाद ये सिर्फ एक कानून नहीं होगा. बल्कि अभिभावकों के हक की आवाज भी होगा. इसी कड़ी में समझते हैं कि ये एक्ट क्या है. यह कैसे काम करेगा और अभिभावकों लिए कितना फायदेमंद है आइए, हर पहलू को आसान तरीके से समझते हैं.

क्यों पड़ी इस एक्ट की जरूरत?

दिल्ली में बीते कई सालों से निजी स्कूलों की फीस बढ़ोतरी को लेकर हंगामा होता रहा है. बीते दिनों डीपीएस द्वारका फीस विवाद सुर्खियों में रहा. असल में दिल्ली के निजी स्कूलों में मनमाने ढंग से फीस बढ़ाने के आरोप लगते रहते हैं. इसके पीछे का कारण ये है कि दिल्ली स्कूल एजुकेशन एक्ट और रूल्स (DSEAR), 1973 में फीस बढ़ोतरी को कंट्रोल करने का कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं गया है. हालांकि इस संबंध में दिल्ली सरकार ने एक सर्कुलर जारी कर निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने से रोकने की व्यवस्था की थी. इस सर्कुलर में स्कूलों को फीस बढ़ाने के लिए सरकार ने मंजूरी लेने का प्रावधान किया गया था, लेकिन साल 2024 में दिल्ली हाई कोर्ट उस पर रोक लगा दी, जिसके बाद ऐसी समस्या और बढ़ गई थी.

स्कूलों की मनमानी सामने आई थी

पिछले कुछ साल से अभिभावक स्कूलों की तरफ से मनमाने ढ़ंग से फीस बढ़ोतरी किए जाने का विरोध कर रहे थे. बीते महीनों में सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और जिला स्तर पर स्कूलों का निरीक्षण किया गया, जिसके बाद 150 से अधिक स्कूलों को नोटिस जारी किया गया था.

नए फीस एक्ट के मुख्य प्रावधान क्या है?

दिल्ली स्कूल एजुकेशन ट्रांसपेरेंसी इन फिक्सेशन एंड रेगुलेशन ऑफ फीस एक्ट 2025 एक अप्रैल 2025 यानी पिछली तारीख से दिल्ली के सभी 1,677 प्राइवेट और सरकारी स्कूलों पर लागू होगा. यह एक्ट सुनिश्चित करता है कि फीस सिर्फ तीन साल में एक बार ही बढ़ाई जा सके. इसके लिए भी स्कूलों को 18 पैरामीटर्स जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर, एकेडमिक परफॉरमेंस और अन्य कारकों को आधार बनाना होगा.

फीस बढ़ाने का फैसला कैसे होगा?

नए एक्ट में फीस बढ़ाने में पारदर्शिता और अभिभावकों की भागीदारी सुनिश्चित करने के व्यवस्था की गई है, जिसके तहत स्कूल, जिला और राज्य स्तर पर तीन-स्तरीय कमेटियों की स्थापना की जाएंगी. इन कमेटियों में अभिभावक, शिक्षक और स्कूल प्रबंधन के प्रतिनिधि शामिल होंगे, जो फीस तय करने में संतुलित दृष्टिकोण सुनिश्चित करेंगे.

नियम तोड़ने वालों पर क्या होगी कार्रवाई?

नियम तोड़ने पर स्कूलों पर एक लाख से 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगेगा. बार-बार उल्लंघन होने पर स्कूल की मान्यता तक रद्द करने का नियम है. इसके अलावा, शिक्षा निदेशक को निरीक्षण की शक्तियां दी गई हैं, जिससे वे स्कूल के रिकॉर्ड्स, खातों और दस्तावेजों की जांच कर सकें. अगर स्कूल लगातार नियमों का पालन नहीं करता, तो सरकार स्कूल की संपत्ति कुर्क कर सकती है, उसे बेच सकती है या रिसीवर नियुक्त कर सकती है.

अभिभावकों को ये 4 फायदे होंगे

  1. आर्थिक दबाव कम होगा: नए एक्ट में तीन साल में एक बार ही फीस बढ़ाने की व्यवस्था की गई है. इसके लिए भी विशिष्ट पैरामीटर्स निर्धारित किए गए हैं. इससे अभिभावकों पर बेवजह बढ़ने वाली फीस से जुड़ा हुआ आर्थिक दबाव कम होगा.
  2. पारदर्शिता: अभिभावकों की भूमिका फीस तय करने वाली कमेटियों में सुनिश्चित की गई हैं, जिससे पूरे सिस्टम में पारदर्शिता आने की उम्मीद है.
  3. बच्चों की सुरक्षा: फीस विवादों में स्कूल बच्चों को शिक्षा से वंचित नहीं कर सकेंगे, जो उनके अधिकारों की रक्षा करेगा.
  4. खर्च पर कंट्रोल: किताबें, यूनिफॉर्म, और ट्रांसपोर्टेशन चार्ज जैसे खर्चों को भी कंट्रोल किया जाएगा, जिससे अचानक आने वाले खर्चों से बचा जा सकेगा.

इन 3 मुद्दों पर विवाद हो रहा है

  1. जटिलता: कुछ एक्सपर्ट का मानना है कि तीन-स्तरीय फीस स्ट्रक्चर कमेटी बनाना जटिल है. एक प्रभावी कमेटी पर्याप्त हो सकती है.
  2. शिकायत दर्ज करने में बाधा: विपक्षी पार्टी AAP का दावा है कि एक्ट में शिकायत दर्ज करने के लिए अभिभावकों को 15% अन्य अभिभावकों का समर्थन चाहिए, जो अभिभावकों के लिए मुश्किल हो सकता है.
  3. राजनीतिक दृष्टिकोण: BJP इसे जनता की मांग पूरी करने वाला कदम मानती है और पिछली सरकारों पर शिक्षा माफिया से नाता होने का आरोप लगाती है, जबकि AAP इसे अभिभावकों के अधिकारों पर अंकुश मानती है.

ये भी पढ़ें-Viksit Delhi CM Internship Program: दिल्ली सरकार के साथ करें इंटर्नशिप, जाने कौन कर सकता है आवेदन