एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग क्या है? कहां से किया जा सकता है इसका कोर्स! कितना आता है खर्च

अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया फ्लाइट गुरुवार 12 जून को टेकऑफ के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई. इस हादसे के बाद विमानन सुरक्षा को लेकर कई तरह के सवाल हो रहे हैं, जिसमें विमानन सुरक्षा के लिए रख-रखाव इंजीनियर्स (Aircraft Maintenance Engineers AME) की भूमिकाओं पर भी चर्चा हो रही है. इसी कड़ी में जानते हैं कि आखिर ये एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग क्या होती हैं. कहा से इसका कोर्स किया जा सकता है. कितना खर्च आता है. विमान सुरक्षा में इनकी भूमिका कितनी अहम होती है.

AME क्या करते हैं?

एयरक्राफ्ट मेंनेटेंस इंजीनियरिंग (AME) इंजीनियरिंग की वह शाखा है, जो विमानों की मरम्मत, निरीक्षण सुनिश्चित करने से संबंधित है. AME विमान के इंजन, एवियोनिक्स, संरचना और अन्य प्रणालियों की जांच करके यह सुनिश्चित करता है कि कोई विमान उड़ान भरने के लिए सुरक्षित है या नहीं. विमान और उसके यात्रियों की सुरक्षा AME के हाथों में होती है और कोई भी नागरिक विमान AME के प्रमाणपत्र के बिना उड़ान नहीं भर सकता.

कौन कर सकता है AME का कोर्स

देश में AME कोर्स केवल DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) द्वारा अनुमोदित संस्थानों में ही कराया जाता है और कोर्स पूरा करने के बाद सफल उम्मीदवार को DGCA का अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त AME लाइसेंस मिलता है. यह लाइसेंसधारी भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी काम करने में सक्षम होता है.

भारत में यहां से ले सकते हैं AME की ट्रेनिंग

भारत में AME प्रशिक्षण केवल कुछ चुनिंदा संस्थानों में ही मिलता है. DGCA के अनुसार देश में मात्र 51 संस्थानों को ही AME पाठ्यक्रम चलाने की मंजूरी प्राप्त है. इनमें से कई प्रमुख संस्थान DGCA-CAR-147 मानक के अंतर्गत आते हैं.

  1. – दिल्ली-एनसीआर का स्कूल ऑफ एयरोनॉटिक्स
  2. – भोपाल का इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ एरोनॉटिक्स
  3. – कोलकाता का ARDC
  4. – हैदराबाद का GMR स्कूल ऑफ एविएन

इन संस्थानों में उच्चस्तरीय वर्कशॉप, विमानों पर अभ्यास एवं अनुभवी प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाता है. पाठ्यक्रम आमतौर पर DGCA द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार तैयार किया जाता है. कई कॉलेजों में स्नातक या डिप्लोमा साथ में AME कोर्स भी चलते हैं, जिन्हें AICTE द्वारा भी मान्यता प्राप्त होती है, लेकिन लाइसेंस के लिए DGCA की मंजूरी जरूरी है.

प्रवेश प्रक्रिया और योग्यता

  1. प्रवेश के लिए उम्मीदवार को 10+2 (PCM) बोर्ड परीक्षा पास करनी होती है.
  2. आयु न्यूनतम 18 साल होनी चाहिए और कलर ब्लाइंडेनस नहीं होनी चाहिए.
  3. अधिकांश संस्थानों में छात्रों का चयन राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा के द्वारा होता है.
  4. प्रवेश के बाद DGCA द्वारा निर्धारित शैक्षणिक मॉड्यूल कवर किए जाते हैं, जिन्हें पास करने के बाद ही AME लाइसेंस के लिए परीक्षा देने का मौका मिलता है.
  5. प्रवेश के बाद प्रशिक्षण कार्यक्रम CAR 66 के तहत संचालित होता है.

कोर्स की फीस कितनी है?

  1. AME पाठ्यक्रम की अवाधि चार साल (दो वर्ष अकैडमिक + दो वर्ष प्रायोगिक) की होती है.
  2. कुछ संस्थानों में केवल बेसिक लाइसेंस (जैसे Category A) के लिए 2-वर्षीय कोर्स भी होता है.
  3. पूरे कोर्स की फीस संस्थान के आधार पर भिन्न होती है, लेकिन आम तौर पर लगभग औसत फीस 37 लाख के बीच है.
  4. भारत में शीर्ष DGCA-मान्यता प्राप्त AME कॉलेजों में प्रवेश के लिए 10+2 PCM योग्यता और राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा अनिवार्य है, पाठ्यक्रम अवधि लगभग चार वर्ष होती है, और सभी संस्थान DGCA द्वारा स्वीकृत होते हैं.

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