स्कूली स्टूडेंट्स को 15 हजार रुपये सालाना देगी ये सरकार, पहली से 12वीं कक्षा के सभी बच्चों को मिलेगा पैसा

आंध्र प्रदेश के स्कूली बच्चों के लिए खुशखबरी है. आंध्र प्रदेश की तेलुगू देशम पार्टी यानी टीडीपी के नेतृत्व वाली चंद्रबाबू नायडू सरकार ने स्कूली बच्चों को लेकर एक अहम फैसला लिया है, जिसके तहत राज्य सरकार अपनी तल्लिकी वंदनम योजना के तहत स्कूल जाने वाले बच्चों को सालाना 15 हजार रुपये देगी. इस योजना के तहत पहली से 12वीं तक के प्रत्येक बच्चे के अभिभावकों को ये पैसा दिया जाएगा. अगर किसी परिवार में कई बच्चे स्कूल जाते हैं तो भी उन्हें उसी अनुपात में पैसा दिया जाएगा.

चुनाव से पहले नायडू ने किया था वादा

आंध्र प्रदेश में साल 2024 में विधानसभा चुनाव हुए थे. विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू ने सुपर सिक्स कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा की थी. तल्लिकी वंदनम योजना मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू की तरफ से किए गए सुपर सिक्स कल्याणकारी वादों में से एक है.

स्कूल में रजिस्ट्रेशन के आधार पर योजना का लाभ

आंध्र प्रदेश सरकार के सचिव कोना शशिधर ने एक आदेश में कहा है कि सरकार ने तल्लिकी वंदनम योजना के कार्यान्वयन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. यह राज्य भर में माताओं व अभिभावकों को सशक्त बनाने के मकसद से शुरू की गई एक प्रमुख पहल है. इसके तहत प्रत्येक पात्र माता व अभिभावक को प्रति बच्चे के लिए हर साल 15 हजार रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी.

आदेश में कहा गया है कि इसी तरह सरकार इस योजना के लिए कक्षा एक और जूनियर इंटरमीडिएट में अपेक्षित पात्र नामांकन को भी ध्यान में रखेगी.

67 लाख से अधिक स्टूडेंट्स को लाभ

तल्लिकी वंदनम योजना से राज्य के 67 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं और 43 लाख माताएं लाभान्वित होंगी. जारी आदेश में कहा गया है कि इस योजना का लाभ सभी पात्र बच्चों को मिलेगा तथा सरकारी, निजी सहायता प्राप्त और निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूल और जूनियर कॉलेज इसके दायरे में आएंगे. वहीं योजना के तहत मिलने वाले 15 हजार रुपये प्रति वर्ष में से दो हजार रुपये राज्य में शैक्षणिक तंत्र के समग्र विकास के लिए काटे जाएंगे, जिससे रखरखाव, स्वच्छता और सफ़ाई जैसे कार्य किए जाएंगे.

योजना के कार्यान्वयन को पूरा करने के लिए 12 जून से पांच जुलाई के बीच की समय-सीमा निर्धारित की है.इस योजना का उद्देश्य परिवारों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करना है, जो घटती जनसंख्या और जनसांख्यिकी प्रबंधन पर नायडू के दृष्टिकोण का हिस्सा है.

ये भी पढ़ें-20 हजार का दान, BJ मेडिकल कॉलेज पड़ा नाम, 154 साल पहले 14 छात्रों से हुआ था शुरू, जानें इतिहास