JOSAA 2025 काउंसलिंग अपने पीक पर है. पहले राउंड के आधार पर सीटों का आवंटन हो गया है. काउंसलिंग की इस पूरी प्रक्रिया में अधिकांश अभ्यर्थी IITs से कम्प्यूटर साइंस (CS) में बीटेक करना चाहते हैं. इसके पीछे का मुख्य कारण बीते दशकों में सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स की शानदार करियर ग्रोथ है, जिसमें भारतीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स ने ग्लोबली अपनी पहचान स्थापित की है, लेकिन सवाल ये है कि सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स की ये ग्रोथ अब आगे के दशकों में भी जारी रहेगी. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते दखल के बीच माइक्रोसाॅफ्ट की तरफ से की गई या होने वाली नौकरियाें में कटौती कई तरह के सवाल खड़े करती है, जिसमें प्रमुख तौर पर ये माना जा रहा है कि क्या कम्प्यूटर साइंस से बीटेक करना अब फायदेमंद है. क्या कम्प्यूटर साइंस से बीटेक भारतीयों का करियर अब सुरक्षित है. इसे समझने की कोशिश करते हैं.
पहले माइक्रोसॉफ्ट की छंटनी पर एक नजर
माइक्रोसाॅफ्ट दुनिया की अग्रणी कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, पर्सनल कंप्यूटर का उत्पादन करने वाली मल्टीनेशनल कंपनी है. इसके साथ ही माइक्रोसॉफ्ट सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट, ऑपरेटिंग सिस्टम, विंडोज, माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस सूट, इंटरनेट एक्सप्लोरर और एज वेब ब्राउजर सेवाएं भी उपलब्ध कराती है, लेकिन बीते कुछ सालों से माइक्रोसॉफ्ट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का दखल बड़ा है.
इस वजह से कई जॉब सेक्टर प्रभावित हुए हैं. मसलन, माइक्रोसाॅफ्ट किसी काम को हू्यूमन फोर्स से कराने के बजाय मशीन लर्निंग यानी AI से करा रहा है. इस वजह से माइक्रोसाॅफ्ट साल 2023 में 10 हजार प्रोफेशनल्स को सेवा से हटा चुका है, जबकि आने वाले दिनों में अभी नौकरियों में कटौती की जानी है.

Microsoft में हुई छंटनी पर एक नजर
दुनिया भर में AI का लगातार बढ़ रहा है दखल
दुनियाभर में AI का दखल लगातार बढ़ रहा है. मसलन, शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य और सर्विस सेक्टर भी AI का विस्तार से तेजी हो रहा है. बीते साल यानी 2024 में माइक्रोसाॅफ्ट ने लिंक्डइन के साथ मिलकर AI के बढ़ते प्रभाव को लेकर एक सर्वे का आयोजन किया था, जिसे वर्क ट्रेड इंडेक्स रिपोर्ट 2024 में प्रकाशित किया गया है. ये सर्वे दुनिया के 31 देशों में किया गया है, जो मुख्य तौर पर AI किस तरह से काम और बाजार को बदल देगा, इस पर आधारित है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि एक बार फिर ग्लोबली श्रम बाजार में बदलाव होने वाला है, जिसमें AI प्रमुख भूमिका निभाएगा. रिपोर्ट के अनुसार मैनेजर मान रहे हैं कि AI योग्यता और अनुभव के साथ-साथ प्रतिस्पर्धा कर सकता है. आइए इस रिपोर्ट में क्या है, इसे समझने की काेशिश करते हैं.
4 में से 3 काम में AI का प्रयोग कर रहे
माइक्रोसॉफ्ट की वर्क ट्रेड इंडेक्स रिपोर्ट 2024 में कहा गया है कि दुनियाभर में 4 में से 3 प्रोफेशनल्स अपने काम में AI का प्रयोग कर रहे हैं. मसलन, 75 फीसदी प्रोफेशनल्स AI का प्रयोग कर रहे हैं, जिसमें से बचे हुए प्रोफेशल्नस में से 45 फीसदी 6 महीने के अंदर AI का प्रयोग शुरू कर देंगे.
रिपोर्ट के अनुसार बिना मार्गदर्शन और मंजूरी के ही कई एम्प्लाई AI का प्रयोग कर रहे हैं और अपने कामों को हल्का करने के लिए AI का प्रयोग कर रहे हैं, जिसके तहत अपने AI यानी Bring Your AI (BYOAI) का प्रयाेग कर रहे हैं.
AI प्रयोग करने में सभी जनरेशन आगे
कुल जमा AI का प्रयोग लगातार बढ़ रहा है. माइक्रोसॉफ्ट की रिपोर्ट ये भी कहती है कि BYOAI का प्रयोग 83 फीसदी Gen Z यानी 18 से 28 साल वाले युवा प्रोफेशनल्स आगे कर रहे हैं. AI प्रयोग का ये ट्रेंड सिर्फ Gen Z तक ही सीमित नहीं हैं. बल्कि 73 फीसदी बूमर्स (58 साल से अधिक उम्र वाले प्रोफेशनल्स) भी BYOAI का प्रयोग कर रहे हैं. कुल जमा AI का प्रयाेग करने में सभी जनरेशन के प्रोफेशनल्स आगे हैं.

AI का प्रयोग करने में सभी उम्र के प्रोफेशनल्स आगे
AI क्या नौकरियों के लिए संकट है ?
माइक्रोसॉफ्ट और लिंक्डइन की तरफ से किए गए सर्वे में AI से मौजूदा जॉब्स पर खतरे को भी रेखांकित किया गया है, जिसमें मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि AI ग्लोबली जॉब्स मार्केट को प्रभावित करना शुरू कर चुका है. ऐसे में AI की वजह से नौकरी छूटना कई लोगों के दिमाग में सबसे ऊपर है. हालांकि इन हालातों में एम्प्लॉयी करियर में बदलाव जता रहे हैं तो वहीं AI पर कौशल हासिल करने के इच्छुक लोगों के लिए ये बड़ा अवसर है.
वहीं रिपोर्ट ये भी कहती है कि 65 फीसदी प्रोफेशनल्स लीडर इस बात से चिंतित हैं कि AI की वजह से आने वाले वर्ष पर्याप्त प्रतिभा की कमी हो सकती है. वहीं 45 फीसदी प्रोफेशल्नस ये मानते हैं कि AI उनकी नौकरी ले लेगा, जबकि 46 फीसदी का ये कहना है कि वे आने वाले वर्ष में नौकरी छोड़ने पर विचार कर रहे हैं.
AI से नौकरी पर संकट! क्या कहते हैं माइक्रोसाॅफ्ट के सत्य नडेला
AI का प्रभाव ग्लोबली तेजी से बढ़ रहा है. इसको लेकर प्रोफेशनल्स चिंतित हैं. विशेष तौर पर सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स पर इसका प्रभाव अधिक पड़ रहा है. इसको लेकर बीते दिनों माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने एक पॉडकास्ट किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि AI के बारे में चिंता करने के बजाय प्रोफेशल्नस को AI के माध्यम से अपनी विशेषज्ञता को बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए.
सत्य नडेला ने कहा कि AI एक बदलाव का हिस्सा हैं. AI का खतरा वास्तविक है, लेकिन हर जगह नहीं है. AI की वजह से नौकरियों पर संकट संबंधी सवाल के जवाब में नडेला ने कहा कि AI कोडिंग के साथ बेहतर हो रहा है, यह अभी भी उन लोगों की सहायता के लिए मौजूद है, जिन्हें अंतिम उत्पाद को सफल बनाने के लिए अपने तर्क और संरचना को लागू करने की आवश्यकता है.
उन्होंने यह भी कहा कि इंजीनियरों के बजाय, जल्द ही हमारे पास सॉफ्टवेयर आर्किटेक्ट्स की एक सेना होगी, जो AI के लिए भारी काम करने का रास्ता बनाएगी और मनुष्यों को अन्य महत्वपूर्ण कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने देगी. उन्होंने कहा कि हम सभी अधिक सॉफ्टवेयर आर्किटेक्ट बनने जा रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि माइक्रोसॉफ्ट कथित तौर पर अपने कर्मचारियों का उपयोग अपने AI सिस्टम को प्रशिक्षित करने और उन्हें स्मार्ट बनाने के लिए कर रहा था.
उनकी इस बात से समझा जा सकता है कि आने वाले समय में सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स को कैसे अपने स्किल्स में बदलाव करना होगा.
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